नई दिल्ली:– राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के बीच तनाव बढ़ने की खबरें तेजी से फैल रही है। उनके बयान के बाद ऐसा कहा जा रहा है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिटायरमेंट लेने की याद दिला रहे है। इस बयान के बाद सभी की नजरें प्रधानमंत्री पर टिकी हुई है।
इस बयान शिवसेना यूबीटी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस बयान के बाद सियासी गलियारे में हलचल मच गई है। शिवसेना यूबीटी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के ’75 साल के संन्यास’ वाले बयान पर क्या कहा: “आरएसएस और भाजपा के बीच मतभेदों पर चर्चा हुई थी। अब, उनकी टिप्पणी से यह स्पष्ट है।”
मार्गदर्शक मंडली की दिलाई याद
उन्होंने नाम लिए बिना पीएम मोदी के बारे में कहा, “मैं यह नहीं बताना चाहूंगी कि यह टिप्पणी किसके लिए की गई थी, लेकिन सभी जानते हैं कि सितंबर में कौन 75 साल का हो रहा है। सभी को याद है कि 2014 में इस बात की घोषणा की गई थी, जो भी 75 साल का होगा उसे मार्गदर्शक मंडली में डाला जाएगा। जिसमें आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी थे। तो इसलिए शायद मोहन भागवत उन्हें याद दिला रहे हो कि हमने एक अच्छी पहल की शुरुआत की थी। इसे जनता ने सराहा भी था, तो इसका पालन करना जरूरी होगा।”
मार्गदर्शक मंडली के अस्तित्व पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “मैं कहना चाहूंगी कि यह दो परिवारों के बीच का मामला है और हमें इसमें मध्यस्थता करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि वे आपस में तय करेंगे कि मार्गदर्शक मंडली होनी चाहिए या नहीं और 11 साल बाद प्रधानमंत्री मोदी इसे वापस ले रहे हैं या फिर इसे लागू कर रहे हैं।”
जयराम रमेश अपने बयान से एक साथ दो निशाने लगा रहे है। उन्होंने संघ के प्रमुख की भूमिका निभा रहे मोहन भागवत को भी यह याद दिला दिया है कि वे भी अब 11 सितंबर को 75 साल के होने जा रहे है।
आपको बताते चलें, कि बीते दिन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में कार्यक्रम के दौरान कहा था कि जिसकी उम्र 75 साल की हो जाती है, उन्हें रूक जाना चाहिए और दूसरों को काम करने का मौका देना चाहिए। उनके इस बयान के बाद शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने इस बयान को प्रधानमंत्री मोदी से जोड़ दिया था।