केंद्र सरकार ने चावल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए पिछले हफ्ते नॉन बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया. अब सरकार के इस फैसले का असर अमेरिका में दिखना शुरु हो गया. दरअसल राइस एक्सपोर्ट बैन होने से दुनिया के कई देशों में किल्लत पैदा हो सकती है. लिहाजा इनके दाम भी बढ़ जाएंगे. ऐसे में अमेरिका के लोग चावल खरीदने के लिए सुपरमार्केट्स के बाहर लाइन लगा खड़े हो रहे है.
अमेरिका के सुपरमार्केट में चावल खरीदने के लिए भीड़ लग रही है.भारत चावल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर देश माना जाता है. अब भारत सरकार ने देश में कीमतें कम करने के लिए यह फैसला किया है. अब इस फैसले का असर अमेरिका ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में देखने को मिल सकता है.इन देशों में होता है सबसे ज्यादा निर्यातभारत नॉन बासमती चावल का निर्यात कई देशों में करता है. इनमें अमेरिका के अलावा नेपाल, फिलीपींस और कैमरुन जैसे देश भी शामिल है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की आधी आबादी का मुख्य भोजन चावल ही माना जाता है. अब लाजिमी है कि एक्सपोर्ट न होने की सूरत में इन देशों में चावल की कमी होगी. डिमांड-सप्लाई के खेल के चक्कर में इनके दाम बढ़ने तय है.अमेरिका में क्यों लग रही भीड़अमेरिका में बड़ी तादाद में भारतीय रहते हैं. पिछले हफ्ते भारत सरकार ने जब ये फैसला किया तो अमेरिकी के कुछ जगहों पर नॉन बासमती चावल के सप्लाई में कमी आने लगी. लिहाजा लोग ज्यादा से ज्यादा चावल खरीदने के लिए अमेरिका के सुपरमार्केट्स पर भीड़ लगाने लग रह है. इन्हें पता है कि अब चावल के दाम और बढ़ जाएंगे. यहां के सुपरमार्केट्स में लोगों के बीच चावल खरीदने की होड़ लग गई है
टमाटर और सब्जियों के बाद चावल के दाम भी लगातार बढने शुरु हो गए. खासकर नॉन बासमती चावल के दाम में 10 से 18 फीसदी तक इजाफा देखने को मिला. ऐसे में सरकार ने यह तय किया इसके एक्सपोर्ट पर बैन किया जाए ताकि कीमतें और न बढ़ सकें.