छत्तीसगढ़:– जिले में मानसून के आगमन के साथ ही हरी सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं। लोगों की रसोई पर सीधा असर पड़ने लगा है और घर का बजट गड़बड़ा गया है। सब्जियों की कीमतें इतनी तेजी से बढ़ी हैं कि सामान्य परिवारों के लिए रोज़मर्रा की खरीदारी तक मुश्किल हो गई है।
अचानक क्यों बढ़े दाम?
शहर की हर सब्जी मंडी में इन दिनों एक ही चर्चा है। सब्जियों की बढ़ती कीमतें। मानसून की दस्तक के बाद मौसम में आए बदलाव ने सब्जियों की आवक को कम कर दिया है। किसानों से लेकर व्यापारियों तक सभी कह रहे हैं कि लगातार बारिश और मौसम में उतार-चढ़ाव सब्जियों की पैदावार पर असर डाल रहा है। जो सब्जियां कुछ दिन पहले तक ₹20-30 प्रति किलो तक मिल रही थीं, वे अब ₹50 किलो से ज्यादा में बिक रही हैं।
हरी मिर्च, तोरई, पत्तागोभी, फूलगोभी जैसी रोज़ इस्तेमाल होने वाली सब्जियां ₹40 से ₹45 प्रति किलो तक पहुंच चुकी हैं। यह कीमतें आम दिनों की तुलना में लगभग दोगुनी हैं।सबसे ज्यादा असर टमाटर ने दिखाया है। दो महीने पहले सिर्फ ₹10 किलो में मिलने वाला टमाटर अब ₹40 किलो तक जा पहुंचा है। कुछ थोक बाजारों में इसका रेट 900 रुपये प्रति कैरेट तक पहुंच गया है, जिसके चलते खुदरा बाजार में दाम 4 गुना तक बढ़े हैं।
मांग ज्यादा और आवक कम
सब्जी व्यापारियों का कहना है कि इस समय स्थानीय और बाहरी क्षेत्रों से सब्जियों की सप्लाई बेहद कम हो रही है। खेतों में नई फसल तैयार होने में समय लग रहा है और बारिश के कारण कटाई भी प्रभावित हुई है। मांग ज्यादा और आवक कम होने की वजह से दाम लगातार चढ़ रहे हैं।व्यापारियों का यह भी कहना है कि हर साल गर्मी और बारिश के शुरुआत में सब्जियों के दाम बढ़ते हैं, लेकिन इस बार स्थिति काफी अलग है। कीमतें सामान्य की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई हैं, जिससे बाजार में भी खरीदारी कम हो गई है।
महंगाई से लोग परेशान
महंगाई से परेशान लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कुछ दिनों में हालात सुधरेंगे और जब नई फसल बाजार में आने लगेगी तो कीमतों में भी राहत मिलेगी। फिलहाल, सब्जियों की थाली महंगी हो गई है और लोगों के लिए रोज़ का खर्च बढ़ गया है। तो ये थे बिलासपुर से बढ़ती सब्जियों की कीमतों का पूरा हाल। उम्मीद है कि मौसम सुधरते ही बाजार में राहत का दौर शुरू होगा।
