अगर हौसले बुलंद हो तो कई भी इम्तेहान मुश्किल नहीं है, ऐसा ही कर दिखाया है, ग्वालियर में बिजली का काम करने वाले मजदूर रविंद्र सेंगर की बेटी उर्वशी सेंगर ने. जी हां उवर्शी का चयन UPSC में हुआ है. उनका सपना अब कलेक्टर बनना है. ग्वालियर की न्यू ग्रेसम विहार बस्ती में रहने वाले रविंद्र सेंगर का छोटा सा घर है. वह शहर में मजदूरी करने निकल जाते हैं और शाम को जब घर पहुंचते हैं तो बच्चों से पढ़ाई के बारे में पूरा फीडबैक लेते हैं. रविंद्र पिछले 30 साल से इसी तरह मजदूरी कर रहे हैं. उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है.
UPSC परीक्षा पास करने वाली उर्वशी ने फरवरी में UP-PSC की परीक्षा पास कर ली थी, उत्तर प्रदेश में नायब तहसीलदार के पद पर चयन हो गई थी पर उनका सपना एक अच्छे पद पर पहुंचना था. उनका मन UPSC पास करने का था, इसलिए उन्होंने उस पद पर ज्वाइन नहीं किया. रविंद्र सेंगर भले ही मजदूर हो लेकिन उनके परिवार में पढ़ाई का अच्छा माहौल है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि उर्वशी ने कॉलेज तक हिंदी मीडियम से पढ़ाई की है. उवर्शी ने ग्वालियर के बादलगढ़ सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल से 12वीं तक पढ़ाई की उसके बाद KRG गर्ल्स कॉलेज से स्नातक और स्नातकोत्तर किया. बाद में कुछ समय के लिए उवर्शी UPSC की तैयारी करने दिल्ली गई लेकिन उन्होंने ज्यादातर पढ़ाई घर पर रहकर ही की है. पिता का कहना है कि बच्चों में लगन हो तो कोई इम्तेहान या सफलता मुश्किल नही होती. उवर्शी की मां भी बेटी की कामयाबी से खुश हैं.
यूपीएससी की परीक्षा में उर्वशी की 532वीं रैंक आई है लेकिन एक मजदूर की बेटी ने एक बार फिर से लोगों को यह प्रेरणा जरूर दी है कि मन लगाकर योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई की जाए तो देश की सबसे बड़ी परीक्षा भी पास की जा सकती है. यही वजह है कि लोग उवर्शी के घर बधाई देने वालों का तांता लगा.