राजनांदगांव/ मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी:- छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों की तरफ से नक्सलवाद के खिलाफ जंग लड़ी जा रही है. इसके साथ ही सुरक्षाबल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आमजन के मदद के लिए कई तरह के सिविक प्रोग्राम को चला रही है. इन सबसे अलग हटकर सुरक्षाबलों ने अब जानवरों के लिए पशु अस्पताल खोला है. आईटीबीपी के जवानों की तरफ से इस अस्पताल को ओपन किया गया है. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुदूर क्षेत्र में पशुओं के लिए यह पहला फील्ड अस्पताल होगा जो सुरक्षाबलों की तरफ से खोला गया है. अस्पताल में बड़े जानवरों को रखने के लिए एक बाड़ा, एक दवा और प्रक्रिया कक्ष और एक पंजीकरण डेस्क है.
मोहला मानपुर के सीतागांव में खुला अस्पताल: शनिवार को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 27वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर विवेक कुमार पांडे ने सीतागांव में पशुओं के फील्ड अस्पताल का उद्घाटन किया. मोहला मानपुर का सीतागांव छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 150 किलोमीटर दूर है. आईटीबीपी के कमांडिंग ऑफिसर विवेक कुमार पांडे ने यह भी बताया कि यह फील्ड अस्पताल सीतागांव के आसपास के 20 गांवों के करीब 12,000 पशुओं की देखभाल करेगा.
इस अस्पताल के उद्घाटन के बाद कई लोग अपने पशुओं, जिनमें मुर्गियां, गाय और यहां तक कि कुत्ते भी शामिल हैं, के साथ इस सुविधा के लिए उमड़ पड़े. इस अस्पताल के जरिए पशु चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ फील्ड अस्पताल में पशुओं की नियमित जांच और उपचार मुफ्त में करेंगे. यहां के आस पास के इलाकों में सर्वेक्षण कराने के बाद पशुओं के लिए अस्पताल खोलने का विचार आया.- विवेक कुमार पांडे, कमांडिंग ऑफिसर, आईटीबीपी, 27वीं वाहिनी
ये पशु कई ग्रामीणों के लिए आय का प्रमुख स्रोत हैं. कमांडिंग ऑफिसर ने यह भी बताया है कि ITBP जिसके पास एक पशु चिकित्सा विंग है, ने जानवरों के लिए एक स्वास्थ्य सुविधा शुरू करने की योजना बनाई है जो उनके मालिकों की भी मदद करेगी.- विवेक कुमार पांडे, कमांडिंग ऑफिसर, आईटीबीपी, 27वीं वाहिनी
सीतागांव के आस पास पशुओं की संख्या अधिक: सीतागांव के आस पास पशुओं की सबसे ज्यादा संख्या है. सीतागांव के 20 गांवों में 5,490 मुर्गी, 3,550 बकरियां, 1,855 गाय और बैल हैं. इसके अलावा 815 सूअर और 640 कुत्ते हैं. इस जानकारी के बाद यहां जानवरों के लिए बुनियादी अस्पताल खोलने का विचार आईटीबीपी के जवानों और अधिकारियों के अंदर आया. ग्रामीण इलाकों में कई पशुओं को पाला जाता है और यह न केवल कई ग्रामीणों की आजीविका है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए जीवन जीने का तरीका भी है. सीतागांव में सीएम विष्णुदेव साय ने 16 मई को दौरा किया था. उस दौरान सीएम साय ने आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की थी. सीएम के साथ डिप्टी सीएम विजय शर्मा भी इस दौरान मौजूद थे.