आकलन है कि अभी एक पखवाड़े और बिजली की मांग तेज रहेगी और जब देश के अधिकांश हिस्से में मानसून आ जाएगा, उसके बाद बिजली की मांग में कमी आने की संभावना है। केंद्र ने पहले ही मई में 2.29 लाख मेगावाट बिजली की मांग पहुंचने का अनुमान लगाया था। वैसे अभी उस स्तर पर बिजली की मांग नहीं पहुंची है।अप्रैल और मई, 2023 में पश्चिमी व उत्तरी हिस्से में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की वजह से बिजली की मांग ज्यादा नहीं रही है। देश की बिजली की अधिकांश जरूरत अभी ताप बिजली संयंत्रों से ही पूरी की जा रही है।
बिजली उद्योग के जानकारों ने कहा है कि पिछले एक हफ्ते से बिजली की मांग लगातार बढ़ी है। आठ जून को बिजली की मांग 2.22 लाख मेगावाट रही थी।बिजली की अनुमानित मांग को देखकर ही बिजली मंत्रालय ने इस वर्ष जनवरी में सभी राज्य सरकारों व सरकारी कंपनियों को कोयला आयात सुनिश्चित करने को कहा था।केंद्रीय बिजली प्राधिकरण की रिपोर्ट बताती है कि देश के ताप बिजली संयंत्रों के पास तकरीबन 3.7 करोड़ टन कोयला है, जो 14 दिनों की मांग के बराबर है।