छत्तीसगढ़:– मेरे पति का निधन होने के बाद मैं अपने और अपने परिवार के लिए कुछ करना चाहती हूं. कंप्यूटर सेंटर में ट्रेनिंग लेकर जॉब करना चाहती हूं. ये कहना है एक गृहिणी महिला वहीदा बेगम का. इनके सपने को सच करने का काम रायपुर की एक संस्था मुफ्त ट्रेनिंग के माध्यम से कर रही है.
इस संस्था से ट्रेनिंग लेने वाली एक छात्रा नेहा कन्नौजे बताती हैं कि वे अब अच्छी AI कंपनी में काम करती हैं. हालांकि यहां तक पहुंचना आसान नहीं था लेकिन संस्था ने स्लम एरिया के बच्चों और जरूरतमंद लोगों को रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से मुफ्त कंप्यूटर ट्रेनिंग की शुरुआत की.
कई बच्चों को मिली जॉब:इस ट्रेनिंग का फायदा अब तक 2200 से ज़्यादा बच्चे उठा चुके हैं और आज अच्छी सैलरी वाली नौकरी कर रहे हैं. इस पहल की शुरुआत साल 2015 में की गई है और बढ़ते-बढ़ते शहर में 4 सेंटर हो गए हैं. इन सभी जगहों पर मिलाकर लगभग 200 बच्चे वर्तमान में ट्रेनिंग ले रहे हैं.
रायपुर में चार जगह चल रहा ट्रेनिंग सेंटर
सुंदर नगरमहावीर नगरगुढ़ियारीकाशीराम नगर
कई बच्चों को मिली जॉब:सेवाभावी संस्था बढ़ते कदम की ओर से मुफ्त में कंप्यूटर की बेसिक जानकारी दी जाती है. इसके साथ ही 3 महीने का टेली कोर्स भी कराया जाता है. इतना ही नहीं, कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर में 1 घंटे की क्लास के बाद प्रेक्टिस करने लिए भी डेढ़ घंटे यहां बैठा जा सकता है. सेंटर में ट्रेनिंग लेने वाले कई छात्र अच्छी कंपनी में जॉब कर रहे हैं.
मैंने बेसिक कंप्यूटर, डेटा एंट्री, एमएस वर्ड, एक्सेल, पावरपॉइंट और 4 महीने का टैली कोर्स किया. ट्रेनिंग के बाद जॉब के लिए अप्लाई किया और अब एक AI कंपनी में काम कर रही हूं. हर जॉब में कंप्यूटर जरूरी होता है, इसलिए सबको इसे सीखना चाहिए
4 महीने ट्रेनिंग की और अब एक ऑफिस में कंप्यूटर से संबंधित काम करती हू. यहां की ट्रेनिंग और टीम बहुत मददगार है. जॉब करते हुए मुझे एक साल से ज़्यादा हो गया है.- विद्या निषाद
ट्रेनिंग सेंटर का माहौल बहुत अच्छा है. ट्रेनिंग के बाद बड़ी सोलर कंपनी में जॉब करता हूं. जहां डेटा एंट्री और पर्ची मैनेजमेंट जैसा काम कंप्यूटर से होता है
बच्चे ही नहीं महिलाएं भी आती हैं:इस सेंटर में कई गृहिणी महिलाएं भी कंप्यूटर सीखने आती हैं. एक महिला वहीदा बेगम ने बताया कि पति के निधन के बाद वे अपने जीवन को संभालने के लिए कंप्यूटर सीख रही हैं. वे पिछले दो महीने से टाइपिंग, एक्सेल, पावरपॉइंट जैसी चीजें सीख रही हैं.
मुझे एक अंकल ने ट्रेनिंग सेंटर के बारे में बताया. यहां बेसिक कंप्यूटर और टैली, साथ ही नोट्स भी दिए जाते हैं. आज हर फील्ड में कंप्यूटर जरूरी है. यहां का माहौल भी अच्छा है- दीपशिखा श्रीवास्तव
मैं पिछले 3 महीने से ट्रेनिंग ले रहा हूं. अंग्रेजी-हिंदी टाइपिंग और बेसिक कंप्यूटर सीखने के बाद टैली का 3 महीने का कोर्स भी मुफ्त में कराया जा रहा है.- रोशन माहेश्वरी
संस्था का उद्देश्य और उपलब्धियां:बढ़ते कदम संस्था के अध्यक्ष ने बताया कि 2015 से इस सेंटर की शुरुआत हुई. कंप्यूटर की बेसिक ट्रेनिंग के बाद बच्चों को 10–15 हजार रुपये महीना मिलने लगता है. अगर बच्चे टैली भी सीख लेते हैं, तो उनकी सैलरी 18–20 हजार रुपये महीना तक पहुंच जाती है.
सेंटर का मुख्य उद्देश्य
स्लम एरिया के बच्चों को रोजगार से जोड़नानशे या दिहाड़ी करने वाले बच्चों को नया रास्ता देनामहिलाओं को भी रोजगार योग्य बनाना
