नई दिल्ली:– हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति में दान को केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि मोक्ष प्राप्ति और मानवता की सेवा का सबसे बड़ा मार्ग माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, दान से न केवल पुण्य फल मिलता है, बल्कि यह जीवन के कष्टों और ग्रह दोषों से भी मुक्ति दिलाता है। मुख्य रूप से दान के चार सर्वश्रेष्ठ प्रकार बताए गए हैं।
आहार दान (अन्न दान)
भूखे को भोजन कराना सबसे बड़ी सेवा है। अन्न दान को एक पुण्यकारी सेवा माना गया है क्योंकि यह तात्कालिक रूप से व्यक्ति को तृप्ति प्रदान करता है। इसे ‘जीवन दान’ के समान माना गया है।
औषधि दान (स्वास्थ्य दान)
बीमार व्यक्ति को दवाइयां उपलब्ध कराना या उसकी चिकित्सा में मदद करना ‘औषधि दान’ कहलाता है। शास्त्रों के अनुसार, औषधि दान अन्न दान से भी बेस्ट है क्योंकि यह व्यक्ति को कष्टों और रोगों से मुक्ति दिलाकर उसे राहत प्रदान करता है।
ज्ञान दान (विद्या दान)
शिक्षा और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार करना सबसे उत्तम दान है। किसी गरीब बच्चे की पढ़ाई का खर्च उठाना या ज्ञानवर्धक पुस्तकों को बांटना व्यक्ति का भविष्य संवारता है। यह दान न केवल दानकर्ता को यश दिलाता है, बल्कि मोक्ष प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
अभय दान (सुरक्षा दान)
किसी डरे हुए व्यक्ति या जीव को भयमुक्त करना और उसकी रक्षा करना ‘अभय दान’ है। जैन धर्म में इसे “दानों का राजा” कहा गया है। किसी के प्राण बचाना या ऐसा आचरण करना कि आपकी वजह से कोई भयभीत न हो, महानतम दान की श्रेणी में आता है।
