लाखो की लागत से बने भवन बन गए कबाड़खाना
पथरिया -नगर को साफ सफाई में अग्रणी एवं कचरा मुक्त नगर बनाने के कार्य केवल शासकीय फाइलों तक ही सीमित है । सरकार द्वारा लाखो करोड़ो का निवेश कर नगर पंचायत पथरिया को डस्टबिन दिया गया जो अब खुद कचरा बनते जा रहे है। वही लाखो की लागत से बने सांस्कृतिक भवन भी रखरखाव के अभाव के कारण कबाड़ गृह में बदलते जा रहे है।
मामला नगर पंचायत पथरिया का है, जहाँ वर्षो पहले लगभग 21 लाख रुपए की लागत से वार्ड क्रमांक 15 में शासकीय अस्पताल के पीछे सांस्कृतिक भवन का निर्माण कराया गया। जो निर्माण के बाद से अनुपयोगी साबित हुआ। कारण,नगर पंचायत ने इसे शुरू से कबाड़ खाने के रुप में इस्तेमाल किया। कभी इसके रखरखाव अथवा शासकीय कार्यक्रमो में उपयोग करना ज़रूरी नही समझा । जिसके चलते शासन के लाखों रुपये युही बर्बाद हो गए। सबसे अहम बात यह भी है कि इस भवन का निर्माण अनुपयुक्त स्थल पर करा दिया गया। जिससे नगर की आबादी के लगभग 80 प्रतिशत लोगो को मालूम भी नही कि नगर में ऐसा भवन स्थापित भी है।

कबाड़खाने में सड़ रहे सैकड़ो डस्टबिन –
नगर के कचरे को अन्यत्र ना फेक एक डिब्बे में रखकर सफाई कर्मियो के हाथों देने के लिए शासन द्वारा डस्टबिन की व्यवस्था की गई। इन डस्टबिनो को नगर पंचायत द्वारा प्रत्येक चौक चौराहों अथवा व्यापारियों को वितरित किया जाना था। लेकिन नगरीय प्रशासन के उदासीनता के चलते ये सैकड़ो डस्टबिन और उनके स्टैंड खुद कबाड़ में पड़े हुए है। जिनकी उपयोगिता शून्य हो गई है। ऐसे में नगर के व्यापारी एवं नागरिक अपने कचरे को सड़कों पर फेंकते नज़र आते है। वही जागरूक नागरिको को टेक्स देने के बावजूद डस्टबिन के लिए स्वयं खर्च करना पड़ता है । एक तरफ शासन द्वारा सफाई के लिए लाखो करोड़ो खर्च किया जा रहा है। वही दूसरी को नगर पंचायत इन संसाधनों का उपयोग करने की बजाय इन्हें ही कचरा बनाने को आतुर है। ऐसे में स्वक्षता सर्वेक्षण में अग्रणी बनने का काम केवल कागजो में नज़र आता है।

मांगलिक कार्यो के लिए बने भवन को ठेकेदार कर रहे इस्तेमाल –
विदित हो कि नगर के लोगो को सुविधा देने के लिए एवं उसके घरों में होने वाले शादी ब्याह, षष्ठी, पार्टी जैसे सामाजिक कार्यक्रम, सामूहिक अथवा सरकारी कार्यो में उपयोग करने के लिए नगर पंचायत में सांस्कृतिक भवन का निर्माण किया गया। जिसका निर्धारित शुल्क अदा कर नगरवासी इसका उपयोग कर सकते है। जिससे नगर पंचायत को राजस्व का भी लाभ होना है।
लेकिन प्रशासन द्वारा कभी इस ओर पहल करना आवश्यक नही समझा गया।
अब ऐसे में इस भवन का इस्तेमाल कभी जिम सामग्री रखने ,कभी हजारों डस्टबिन रखने, कभी शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालन करने तो कभी ठेकेदारों के लोगो को ठहरने के उपयोग में लाया जाता है।
जनपद पंचायत के भरोशे नगर पंचायत के नागरिक –
नगर वासियो को किसी प्रकार के व्यक्तिगत कार्यक्रम के लिए सांस्कृतिक भवन की ज़रूरत पड़ने पर उन्हें जनपद पंचायत के भरोसे रहना पड़ता है। यहाँ मांगलिक कार्यक्रमो के लिए एक मात्र मंगल भवन स्थित है, जो जनपद पंचायत विभाग के नियंत्रण में है। उसमें भी शासकीय कार्यक्रमो के चलते बमुश्किल ही समय मिल पाता है। ऐसे में एक ही दिन एक से अधिक कार्यक्रम होने पर बड़ी कठिनाई नागरिको के लिए हो जाती है।
इन मामलो में मुख्य नगर पालिका अधिकारी से संपर्क करने पर उनका मोबाइल नंबर बंद आया।