कोरबा:- गर्मियों का मौसम समाप्त होते ही खेती-किसानी का खरीफ सीजन शुरू हो जाएगा. किसानों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. कृषि विभाग ने भी कमर कस ली है. इसके लिए 8 हजार सैंपल लेकर उनके परीक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए कृषि विभाग ने सैंपल एकत्रीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. खेतों से एकत्र की गई, मिट्टी की जांच के बाद किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड का वितरण किया जाएगा.
केंद्र की योजना के तहत होगा परीक्षण: केंद्र सरकार की योजना अंतर्गत मिट्टी परीक्षण के लिए अनुविभागीय कार्यालय में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की गई है. जिले को इस साल 8 हजार सैंपल जांच का लक्ष्य मिला है. इसे पांच विकासखंड में विभाजित किया गया. प्रत्येक विकासखंड से 1600 सैंपल लिए जाएंगे.
ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारियों ने मिट्टी के सैंपल एकत्र करने का काम शुरू कर दिया है. इसके अलावा कृषि अनुविभागीय कार्यालय के प्रयोगशाला में मिट्टी की उर्वराशक्ति, पोषक तत्व सहित अन्य उर्वरता की जांच के लिए जरूरी कैमिकल और मशीनों को दुरुस्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है.
12 पैरामीटर का परखी जाती है खेतों की उर्वरक क्षमता: मिट्टी परीक्षण के लिए 12 पैरामीटर निर्धारित हैं. इसमें आर्गेनिक कार्बन, नाइट्रोजन, पोटाश, फास्फोरस, पीएच लवणता, बोरॉन, आयरन सहित अन्य प्रकार की जांच होती है. इससे किसान मृदा और स्त्रोतों के अनुकूल फसल में उपयोग क्षमता के लिए उर्वरता को संतुलित बनाए रखते हैं. इससे फसल के उत्पादन में वृद्धि होती है.
खेतों की सेहत के अनुसार सलाह: मिट्टी परीक्षण से खेतों की सेहत का पता लगाया जाता है. लगातार केमिकल के उपयोग से खेत कितने उपजाऊ रह गए हैं. लगातार केमिकल के उपयोग से क्या खेत पूरी तरह से अनुपजाऊ हो गए हैं? उनकी जलधारण क्षमता कितनी है. उर्वरकता कितनी है और उसके अनुसार कितनी तादात में कौन से खाद का उपयोग खेत में किया जाना चाहिए. इस तरह की सलाह किसानों को दी जाती है ताकि वह जरूरत से कम या जरूरत से अधिक खाद का इस्तेमाल न करें, उनके उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो. इन बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए किसानों को उपयुक्त सलाह दी जाती है.
जारी करेंगे सॉइल हेल्थ कार्ड: सहायक संचालक, कृषि विभाग कोरबा डीपीएस कंवर ने बताया कि खेतों की मिट्टी लेकर इसके परीक्षण के लिए हमें 8000 सैंपल का लक्ष्य मिला है. परीक्षण के बाद हम प्रत्येक किसान को सॉइल हेल्थ कार्ड भी प्रदान करेंगे. इसका काम शुरू कर दिया गया है. सैंपल की जांच से यह पता लग जाता है कि खेतों की सेहत कैसी है और उसके अनुसार हम उत्पादन में वृद्धि करने के लिए किसानों को उचित सलाह देते हैं. इससे किसानों को लाभ होता है, पैदावार अच्छी होती है.