नई दिल्ली : हृदय रोग और हार्ट अटैक के मामले पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से बढ़ते हुए देखे गए हैं, आश्चर्यजनक रूप से कम उम्र के लोग, यहां तक कि बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स में स्कूली बच्चों में भी हार्ट अटैक-कार्डियक अरेस्ट से मौत के मामले रिपोर्ट किए गए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यह वैश्विक स्तर पर बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, सभी उम्र के लोगों को हृदय की सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद से हार्ट अटैक के केस में काफी बढ़ोतरी आई है, ऐसे में अपने जोखिम कारकों को लेकर सभी लोगों को अलर्ट रहना चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट्स में जिम करते हुए, शादियों में नाचते गाते लोगों में भी हार्ट अटैक से मौत के मामले रिपोर्ट किए गए हैं। इस बढ़ते खतरे को देखते हुए कानपुर हृदय रोग संस्थान के डॉक्टर्स ने एक ऐसी किट तैयार की है, जो आपातकालीन स्थिति में रोगियों की जान बचाने में काफी मददगार हो सकती है। सबसे महत्वपूर्ण बात किट में मौजूद दवाइयों के एक डोज की कीमत भी सात रुपये से कम की है।
हार्ट अटैक के लिए राम किट
कानपुर हृदय रोग संस्थान के डॉक्टर नीरज कुमार ने मीडिया से बातचीत में इस ‘जीवनरक्षक राम किट’ के बारे में बताते हुए कहा, यदि किसी को अचानक हार्ट अटैक पड़ता है, छाती में दिक्कत का अनुभव होता है तो ऐसी आपातकालीन स्थिति में इस राम किट में मौजूद दवाइयां रोगी की जान बचा सकती हैं। ये वही दवाइयां हैं जो हार्ट अटैक की स्थिति में अस्पतालों में रोगी को सबसे पहले दी जाती हैं। अगर आपके पास पहले से ही ये किट मौजूद है तो आपातकालीन स्थिति में ये जीवनरक्षक का काम करती हैं।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
डॉक्टर नीरज कहते हैं, हार्ट अटैक की स्थिति में रोगी को अस्पताल पहुंचाने में कम से कम 30-40 मिनट लग ही जाता है, ये समय काफी महत्वपूर्ण होता है। सभी लोगों को ये किट अपने पास रखनी चाहिए, जिससे इमरजेंसी की स्थिति में तुरंत इसको लिया जा सके, कई मामलों में ये अस्पताल पहुंचते-पहुंचते रोगी के लक्षणों को ठीक भी कर सकती है।
इस किट में मौजूद दवाइयों में से हार्ट अटैक के लक्षण दिखने पर तुरंत दो इकोस्प्रिन, एक रोसुवास्टेटिन स्टेटिन खा लें और सोब्रिट्रेट की टेबलेट को जीभ पर रखकर उसे चूसें तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। इसके बाद मरीज को अस्पताल तक पहुंचाएं जहां उसका विशेषज्ञों द्वारा इलाज किया जा सके।
इन दवाओं का क्या है उपयोग
डॉक्टर बताते हैं, इकोस्प्रिन की टेबलेट नसों की ब्लॉकेज को कम करने और थक्कों को कम करने में मदद करती है। रोसुवास्टेटिन, कोलेस्ट्रॉल को कम करती है और तीसरी दवा सोब्रिट्रेट इंजेक्शन की तरह काम करती है और नसों की संकीर्णता को कम करती है जिससे खून का संचार ठीक रखने में मदद मिलती है। इस एक किट की कीमत केवल 7 रुपये है।
राम किट का नाम रखने के पीछे के उद्देश्य के बारे में डॉक्टर कहते हैं, पहले तो ये प्रभु का नाम है जो हर मुश्किलों से बचाती है और दूसरा राम किट के नाम से ये दवा आसानी से कम पढ़ा लिखा व्यक्ति भी प्राप्त कर सकता है। इन दवाओं के बाद रोगी को तुरंत अस्पताल पहुंचाना भी आवश्यक है।
हार्ट अटैक में सीपीआर से बच सकती है जान
हार्ट अटैक से बचाव के बारे में डॉक्टर कहते हैं, यदि किसी व्यक्ति में हार्ट अटैक के लक्षण जैसे सीने में दर्द या दबाव दिखे, दर्द जो कंधे, बांह, पीठ, गर्दन, जबड़े तक बढ़ रहा हो, ठंडा पसीना आ रहा हो तो ऐसी स्थिति में सीपीआर तकनीक की मदद से भी जान बचाई जा सकती है। इसमें रोगी की छाती को एक मिनट में 100 से 120 बार तेजी से पुश करना होता है। ये रक्त के संचार को पुन: जारी रखने में मदद करती है जिससे भी रोगी की जान बच सकती है।