मध्यप्रदेश:– गुड़हल का फूल सिर्फ सजावट या सुंदरता के लिए नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक औषधि के रूप में भी जाना जाता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोलिक यौगिक शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं. नियमित रूप से गुड़हल की चाय का सेवन करने से इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है और शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण की प्रक्रिया बेहतर होती है. यहाँ विस्तार से जानिए कि गुड़हल ब्लड शुगर को कैसे नियंत्रित करने में मदद करता है और इसके सेवन के सुरक्षित तरीके क्या हैं.
गुड़हल के फूल के मुख्य औषधीय गुण
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर गुड़हल में एंथोसायनिन्स, फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स जैसे यौगिक होते हैं जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं — यह डायबिटीज के प्रमुख कारणों में से एक है.
ब्लड शुगर नियंत्रण
रिसर्च के अनुसार, गुड़हल की चाय ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाती है. यह इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाकर शरीर को ब्लड शुगर को बेहतर तरीके से उपयोग करने में मदद करती है. कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि यह फास्टिंग ब्लड शुगर और लेवल को घटाने में सहायक हो सकती है.
लिपिड प्रोफाइल सुधार गुड़हल न सिर्फ शुगर बल्कि कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को भी घटाने में मदद करता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है.
डिटॉक्स और मेटाबॉलिज्म बूस्टर यह शरीर से टॉक्सिन्स निकालता है, लिवर फंक्शन को सपोर्ट करता है और मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखता है.
गुड़हल चाय बनाने की विधि
सामग्री
2–3 सूखे गुड़हल के फूल, 1 कप पानी, स्वादानुसार शहद डायबिटीज वालों के लिए बिना चीनी ही बेहतर
विधि
पानी को उबालें और उसमें गुड़हल के फूल डालें. 5–7 मिनट तक धीमी आँच पर पकाएँ. गैस बंद करें और मिश्रण को छान लें. चाहें तो नींबू का रस की कुछ बूंदें डाल सकते हैं. दिन में 1 कप सुबह या शाम (खाली पेट नहीं). सप्ताह में 4–5 बार पर्याप्त है.
सावधानियाँ
ब्लड प्रेशर कम करने का असर भी होता है, इसलिए लो BP वालों को सतर्क रहना चाहिए.
यदि आप डायबिटीज की दवा ले रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही सेवन करें, क्योंकि यह ब्लड शुगर को अतिरिक्त रूप से घटा सकता है.
गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन बिना परामर्श के नहीं करना चाहिए।
