: दशकों से भारतीय तकनीकी क्षेत्र में विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. भारतीय आईटी पेशेवर दुनिया की टेक दिग्गज कंपनियों को चला रहे हैं. दुनिया की सबसे बड़ी तकनीकी कंपनियों का नेतृत्व भारतीय मूल के सीईओ कर रहे हैं. इन लोगों ने तकनीक की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. आइए ऐसे भारतीय मूल के व्यक्तियों के बारे में बताते हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी टेक दिग्गज कंपनियों के सीईओ हैं.
1. Sundar Pichai इस लिस्ट में पहला सुंदर पिचाई का है. सुंदर पिचाई इस समय दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी गूगल के सीईओ हैं. उनका जन्म भारत में तमिलनाडु के चेन्नई में हुआ था और उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से बी टेक, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएस और यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिल्वेनिया से एमबीए किया था. वह क्रोम वेब ब्राउजर के लॉन्च के लिए जिम्मेदार हैं और पहले एंड्रॉइड, क्रोम, मैप्स और गूगल के अन्य प्रोडक्ट्स के प्रमुख रह चुके हैं. by TaboolaSponsored LinksYou May LikeG – Shock – Rise above the shockCasio
2. Satya Nadellaभारतीय मूल के सत्या नडेला इस समय माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के सीईओ हैं. इससे पहले वे माइक्रोसॉफ्ट के क्लाउड और एंटरप्राइज ग्रुप के कार्यकारी उपाध्यक्ष का पद संभाल चुके हैं. उनका जन्म भारत में हैदराबाद में हुआ था. उन्होंने मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीई, यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मिल्वौकी से एमएस और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया है. साथ ही सत्या नडेला माइक्रोसॉफ्ट के क्लाउड और एंटरप्राइज ग्रुप के कार्यकारी उपाध्यक्ष का पद संभाल चुके हैं.
3. Shantanu Narayenटेक कंपनी Adobe के सीईओ शांतनु नारायण हैं. भारत के हैदराबाद में जन्मे शांतनु नारायण 1998 में एडोब में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के रूप में शामिल हुए और 2005 में सीओओ और 2007 में सीईओ बने. उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय से बैचलर इन साइंस, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले से एमबीए और बॉलिंग ग्रीन स्टेट यूनिवर्सिटी से एमएस किया है.
4. Sanjay Mehrotraसंजय मेहरोत्रा Micron Technology कंपनी के सीईओ हैं. इससे पहले वे सैनडिस्क कंपनी के सीईओ रह चुके हैं. संजय मेहता ने 1988 में फ्लैश मेमोरी स्टोरेज कंपनी सैनडिस्क की स्थापना की और जनवरी 2011 से 2016 तक इसके सीईओ रहें. उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले से बैचलर्स और मास्टर्स डिग्री हासिल की और एग्जिक्यूटिव प्रोग्राम के लिए स्टैनफोर्ड भी गए. संजय मेहता के नाम कई पेटेंट भी दर्ज हैं.