मध्यप्रदेश:– आजकल ज्यादातर लोग अपने मोबाइल की स्क्रीन पर भगवान की तस्वीर लगाते हैं, कोई आस्था के प्रतीक के रूप में, तो कोई सुरक्षा की भावना से. लेकिन क्या सच में मोबाइल पर भगवान की फोटो लगाना उचित है? धर्मग्रंथों और ज्योतिषीय दृष्टि से इस पर मत अलग-अलग हैं.
पंडितों के अनुसार, मोबाइल एक निजी और व्यावहारिक उपकरण है, जिसका इस्तेमाल दिनभर विभिन्न कार्यों में होता है कभी जरूरी तो कभी अशुद्ध उद्देश्यों के लिए. ऐसे में भगवान की तस्वीर का इस पर होना कई बार अपमानजनक भी माना जाता है. मोबाइल गिरना, गलत जगह ले जाना या हाथ में लेकर शौचालय जैसी जगहों पर जाना इन परिस्थितियों में पवित्र छवि का अपमान हो सकता है.
दूसरी ओर, कुछ लोग इसे भक्ति का माध्यम मानते हैं. उनके अनुसार, भगवान की तस्वीर देखने से मन में शांति, सकारात्मकता और सुरक्षा की भावना बनी रहती है. डिजिटल युग में मोबाइल हर समय साथ रहता है, इसलिए कई लोग मानते हैं कि यह ‘डिजिटल मंदिर’ की तरह आस्था बनाए रखने का एक नया रूप है.
आध्यात्मिक विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आप मोबाइल पर भगवान की फोटो लगाना चाहते हैं, तो ध्यान रखें कि वह सम्मानजनक हो. मोबाइल को स्वच्छ और पवित्र स्थान पर रखें, और गलत उपयोग के दौरान उसे लॉक या ढक दें।
