
कर्नाटक से इंसानियत को झकझोर देने वाली हृदय-विदारक घटना सामने आई है। राज्य में 150 बंदरों को मौत के घाट उतारने के बाद अब एक बार फिर क्रूरता की हद पार की गई है।
शिवामोगा में कुछ इंसानियत के दुश्मनों ने कथित तौर पर 150 आवार कुत्तों को जिंदा दफना दिया। पुलिस सूत्रों ने इस घटना की जानकारी बुधवार को दी। इस मामले में स्थानीय पुलिस ने एक्शन लेते हुए ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज किया है।
कर्नाटक में क्रूरता की हद पार
इंसानियत को अंदर से हिला देने वाली यह पूरी घटना भद्रावती कस्बे के पास कंबाडालालु-होसुर ग्राम पंचायत की सीमा के भीतर रंगनाथपुरा में हुई है। यह क्षेत्र कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू से लगभग 270 किलोमीटर दूर है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि घटना 4 सितंबर की है। जानकारी के मुताबिक बदमाशों ने कथित तौर पर तम्माडीहल्ली वन क्षेत्र में कुत्तों को दफना दिया।
कारणों का अभी नहीं चल पाया पता
दरअसल, लगातार कुत्तों के भौंकने की आवाज सुनकर स्थानीय लोगों को शक हुआ और फिर अचानक आवाज आना बंद हो गई। स्थानीय लोगों ने पशु अधिकार कार्यकर्ताओं को इसकी सूचना भी दी, लेकिन घटना का पता तब चला जब कार्यकर्ताओं ने मौके का दौरा किया। इस मामले को भद्रावती ग्रामीण पुलिस थाने ने अपने हाथ में ले लिया है, लेकिन घटना के पीछे के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।
पैसे बचाने के लिए किया जघन्य अपराध!
वहीं शुरुआती जांच से खुलासा किया हुआ है कि ठेकेदार, जिसने न्यूटियरिंग के लिए कॉन्ट्रैक्ट लिया था, बता दें कि न्यूटियरिंग एक सर्जरी है जो कुत्तों को प्रजनन करने में असमर्थ बनाती है, लेकिन पैसे बचाने के लिए ऐसा जघन्य अपराध किया गया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पंचायत अधिकारियों ने इस संबंध में इस बार कुत्ते पकड़ने वालों को मौखिक निर्देश दिए थे। पहले कुत्तों को उठाकर दूर-दराज के इलाकों में छोड़ दिया जाता था। इस बार पुलिस को संदेह है कि उन्होंने कंबदालालु-होसुर ग्राम पंचायत की सीमा के भीतर कुत्तों को पकड़कर जिंदा दफना दिया।
बंदरों के मामले में अब तक 7 लोग गिरफ्तार
इससे पहले कर्नाटक के हासन जिले के एक गांव में 38 बंदर मृत पाए गए थे। अगस्त में जब उनकी दम घुटने से मौत हो गई तो उन्हें बोरियों में एक वन क्षेत्र में भेजा जा रहा था। कर्नाटक हाई कोर्ट ने घटना का तत्काल संज्ञान लिया और राज्य सरकार को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। पुलिस अब तक सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।