
मऊगंज : काफी अर्से बाद किसी आंदोलन की वह झाँकी देखने को मिली जो कभी इतिहास में किसी माँग और अन्याय के खिलाफ देखने को मिलती या सुनाईं पडती थी। कांग्रेस के पूर्व विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना के आव्हान पर मऊगंज को जिला बनाने की मांग को लेकर आदोलन की 20 तारीख को जैसे ही हुंकार भरी जनता तो जैसे इंतजार में बैठी थी खराब मौसम के बाद भी उत्साहित बुजुर्ग, जोश में युवा,और महिलाओं का सैलाब उमड़ पड़ा जिसे संभालने में कार्यकर्ता और पुलिस प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

मंचासीन नेताओं ने अपने अपने वक्तव्यों में मुख्यमंत्री के उस घोषणा को याद दिलाया जिसमें चुनावी सभा में मुख्यमंत्री ने अपने प्रत्याशी के जीतने पर मऊगंज को जिला बनाने की बात कही थी।नेताओं ने संयुक्त रूप से चेताया कि जनता ने तो अपना कर्तव्य निभाया अगर अब सरकार लापरवाही करेगी तो प्रजातांत्रिक तरीके से अब सरकार को वादाखिलाफी का सख्त सबक सिखाया जाएगा।
यद्यपि इस ऐतिहासिक आंदोलन के बाद तरह-तरह की जनचर्चाएं भी हैं कि यह आंदोलन अगर सिर्फ राजनैतिक रहा और इसे जनांदोलन का स्वरूप नहीं दिया गया तो जिला मिलने का इंतजार और अधिक बढ सकता है।फिर भी इस आदोलन के बाद जनता को भी वह उम्मीद दिखाई देने लगी है जिस पर इति श्री का ठप्पा लगने लगा था।