
कोरबा :- प्राथमिक शाला स्कूल गढ़कटरा आज सेंचुरी लगनी थी, यह पहले से तय था। इसकी रूपरेखा सोमवार को ही बन गई थी। सोमवार तक हम 92 फूल, सब्जी और फलदार पौधे लगा चुके थे। आज भी अच्छी बारिश के बीच मैं घर से कटहल और नींबू के कुल 5 पौधे लेकर निकला, कुछ मुनगा और अमरूद के पौधे स्कूल में पहले ही छोड़ रखा था। यह तय था कि आज हम सेंचुरी लगा ही लेंगे, पर कुछ असामाजिक तत्वों के कारण हमें नर्वस नाइंटीज का शिकार होना पड़ा। स्कूल पहुँच मेरी पहली ड्यूटी होती है कि परिसर के चारों तरफ घूमकर पौधों को देखना कि सभी लसुरक्षित हैं या नहीं। लेकिन आज जब पहुँचा तो कुछ पौधे गायब मिले। कटहल, आम, मुनगा और नीबू का एक एक पौधा गायब था। यह सभी पौधे पिछले वर्ष लगाए गए थे जो अच्छी ग्रोथ कर करे थे। पर पता नहीं किसकी बुरी नजर इन्हें लग गई। जो ले गए उनके भी यह कोई काम नहीं आएगा, क्योंकि इनके जड़ टूट चुके हैं।

एक महीने पहले भी अमरूद और विद्या पत्ती के पौधे किन्ही ने उखाड़ लिए थे। विद्यापत्ती को ले जाना तो समझ आता है क्योंकि यह जंगल गांवों में नहीं मिलता लेकिन आम, अमरूद, कटहल यह तो सभी जगह मिलते और इन्हें ले जाना समझ से परे है। कुछ समय से मैं यह महसूस भी कर रहा था कि कोई तो है जिसे हमारा काम पसन्द आ रहा। पर पौधे ले जाने वाले बन्दे को मेरी शुभकामनाएं कि वह पौधा उसे खूब फल दे। जैसा भी हो उनकी जगह हमनें नए पौधे लगा दिए हैं,हम अपने पर्यावरण और स्कूल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्हें अपना काम करना और हमें अपना। शिक्षक श्रीकांत सिंह का कहना है कि आज 3 पौधों को मिलाकर हम 100 पर पहुँच गए हैं पर आज हम सेंचुरी आखिर लगा ही लिए ।
रिपोर्टर कृष्णा दास महंत