
कहते हैं सौ सोनार की तो एक लोहार की. राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) बनाम पंजाब किंग्स (Punjab Kings) के मैच में भी कुछ ऐसा ही हुआ. पूरे मैच में पंजाब की टीम हावी रही. मैच के आखिरी ओवर तक किसी को जरा भी अंदेशा नहीं था कि पंजाबियों का पावर जीत की तलाश में कम पड़ जाएगा. अंतिम की 6 गेंदों पर उन्हें सिर्फ 4 रन बनाने थे. और हाथ में 8 विकेट बचे थे. लेकिन, जो पूरे मैच में आगे रहे, वो पंजाब के किंग्स आखिरी ओवर में आकर पिछड़ गए. सवाल है आखिरी ओवर में आखिर ऐसा हुआ क्या. तो इसका सीधा और सिंपल जवाब हैं – कार्तिक त्यागी (Kartik Tyagi). जी हां, संजू सैमसन (Sanju Samson) की तरकस का वो तीर, जो सही मौके पर सटीक निशाने पर लगा.
निकोलस पूरन और मारक्रम की जोड़ी पंजाब को जीत दिलाने की भूखी दिख रही थी. जीत की ओर तेजी से बढ़ते हुए उन्होंने मैच को उस मुकाम तक पहुंचा दिया था, जहां से उनकी टीम की हार के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था. लेकिन, आखिरी ओवर में जब राजस्थान को 4 रन डिफेंड करने थे, तो सैमसन ने गेंद बाएं हाथ के तेज गेंदबाज कार्तिक त्यागी को थमाई. अपने कप्तान की इस उम्मीद पर कार्तिक खरे ही नहीं उतरे बल्कि टीम को जीत दिलाकर मानें. उन्होंने ऐसा कैसे किया अब जरा ये आखिरी ओवर की हर एक गेंद के साथ समझिए.
आखिरी ओवर के रोमांच का पूरा विश्लेषण
पहली गेंद : कार्तिक ने ये गेंद लो फुल टॉस डाली. इस पर कोई रन नहीं बना. मतलब ये डॉट बॉल हो गई. मतलब अब पंजाब को जीत के लिए 5 गेंदों पर 4 रन बनाने थे.
दूसरी गेंद : इस बार कार्तिक ने करीब करीब यॉर्कर फेंका. इस पर मारक्रम ने सिंगल लिया. अब पंजाब को जीत के लिए 4 गेंदों पर 3 रन की दरकार थी.
तीसरी गेंद : कार्तिक ने इस बार वाइड यॉर्कर फेंकी. पूरन ने इसे खेलना चाहा पर गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर संजू सैमसन के दस्तानों में चली गई. अब पंजाब को बनाने थे 3 गेंदों पर 3 रन और हाथ में विकेट थे 7.
चौथी गेंद : कार्तिक की इस गेंद को नए-नए आए बल्लेबाज दीपक हुड्डा ने खेला. ये गेंद डॉट रही. मतलब अब 2 गेंदों पर पंजाब को 3 रन जीत के लिए बनाने थे. मैच सुपरओवर में जाता दिखने लगा था.
पांचवीं गेंद : इस बार कार्तिक ने फुलर वाइड डिलीवरी फेंकी, जिसे खेलने के चक्कर में हुड्डा विकेट के पीछे लपके गए. मतलब पंजाब से रन तो नहीं बने पर एक और विकेट जरूर गिर गया. अब आखिरी गेंद पर पंजाब को 3 रन चाहिए थे. पंजाब की जीत की उम्मीद अब भी जिंदा थी पर उससे बढ़कर राजस्थान की टीम के लिए चमत्कार होता दिख रहा था.
छठी गेंद : कार्तिक ने फिर फुल लेंथ वाली गेंद डाली, जिस पर फैबियन एक भी रन नहीं बना पाए. राजस्थान ने 2 रन से मैच जीत लिया. वो जिस चमत्कार की आस लगाए बैठा था वो अब हो चुका था. पंजाब के जबड़े से उसने जीत छीन ली थी.
11 साल बाद IPL में हुआ ऐसा
IPL के इतिहास में 11 साल बाद ऐसा हुआ है जब आखिरी ओवर में 4 रन का स्कोर डिफेंड हुआ है. कार्तिक से पहले साल 2009 में मुनाफ पटेल ने पहली बार ये कमाल किया था. कार्तिक ने मैच में 4 ओवर में 29 रन देकर 2 विकेट लिए. लेकिन आखिरी ओवर में 4 रन डिफेंड करने के लिए उन्हें विशेषकर प्लेर ऑफ द मैच चुना गया.