नई दिल्ली:- गेहूं की खेती भारत के कई राज्यों में की जाती है। गेहूं की फसल का विपणन सत्र 2024-25 में शुरू हो चुका है। इस वर्ष किसानों को गेहूं के लिए अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है। केंद्र सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य पिछले वर्ष से 150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2275 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। इसके अलावा, कुछ राज्य सरकारें भी गेहूं के लिए बोनस दे रही हैं। इससे किसानों को गेहूं के लिए 2400 रुपये प्रति क्विंटल तक की कीमत मिल सकती है।
गेहूं का MSP क्या है?
MSP का मतलब है Minimum Support Price, यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य। यह वह कीमत है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है, जिस पर सरकार किसानों से उनकी फसल खरीदती है। MSP का उद्देश्य किसानों को उनकी लागत से अधिक कीमत देना और उन्हें बाजार के अस्थिरता से बचाना है। MSP की घोषणा केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधीन काम करने वाले कृषि उत्पाद मूल्य आयोग की सिफारिश पर की जाती है। MSP की घोषणा हर वर्ष दो बार की जाती है, एक बार रबी फसलों के लिए और दूसरी बार खरीफ फसलों के लिए। गेहूं के लिए बोनस कौन सी राज्य सरकारें दे रही हैं?
गेहूं के लिए बोनस का मतलब है, कि राज्य सरकारें केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित MSP के अलावा अपनी तरफ से कुछ राशि अतिरिक्त देती हैं। इससे किसानों को उनकी फसल के लिए और ज्यादा कीमत मिलती है। गेहूं के लिए बोनस देने वाली राज्य सरकारें निम्नलिखित हैं:
मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं के लिए 100 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने का ऐलान किया है इससे किसानों को गेहूं के लिए 2375 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत मिलेगी।
हरियाणा: हरियाणा सरकार ने गेहूं के लिए 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने का फैसला किया है। इससे किसानों को गेहूं के लिए 2400 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत मिलेगी।
पंजाब: पंजाब सरकार ने गेहूं के लिए 50 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने का ऐलान किया है। इससे किसानों को गेहूं के लिए 2325 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत मिलेगी।