भोपाल :- जेल विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नए अधिनियम को 2 अक्टूबर से लागू करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं. नए अधिनियम के संबंध में नियम भी तैयार कर लिए गए थे, लेकिन बाद में पता चला कि यह नियम हिंदी में तो तैयार किए गए, लेकिन अंग्रेजी में नियम तैयार नहीं किए गए. विभाग ने जब इस संबंध में विधि विभाग से परामर्श लिया तो विधि विभाग द्वारा संविधान के अनुच्छेद 348 का हवाला देते हुए कहा कि अंग्रेजी में अधिनियम के तैयार किए बिना इसे लागू नहीं किया जा सकता. इसके बाद अब अधिनियम को प्रदेश में लागू करने की नई तारीख तय कर दी गई है.
होगा जेलों का नामकरण, होंगे कई बदलाव
जेल विभाग के मुताबिक, ” अंग्रेजी में नियम तैयार होने में करीबन 2 से 3 माह का वक्त लगेगा. इसके चलते अब इस अधिनियम को एक जनवरी 2025 से लागू किया जाएगा. राज्य सरकार ने इस संबंध में नई अधिसूचना जारी कर दी है. मध्यप्रदेश सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक 2024 को केन्द्र सरकार के मॉडल कारागार अधिनियम 2023 के आधार पर तैयार किया गया है. इस नए अधिनियम के लागू होने के बाद मध्यप्रदेश की तमाम जेलों का नाम बदलकर कारागार और सुधारात्मक संस्था रखा जाएगा.
जेल अधिकारियों के बदलेंगे पद नाम
इसके साथ ही जेल विभाग के अधिकारियों के पद नाम में भी बदलाव हो जाएगा. जेल अधिकारी का नाम बदलकर सुधार सेवा अधिकारी हो जाएगा. इसके साथ ही जेल में कैदियों के सुधार के लिए कई प्रयास किए जाएंगे. जेल के इंफ्रस्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा और सभी जेलों को कम्प्यूटराइज्ड किया जाएगा. मध्यप्रदेश में 11 सेंट्रल जेल, 41 जिला जेल और 73 उप जेल सहित 6 खुली जेल हैं. इस तरह कुल 131 जेलों में 50 हजार से ज्यादा कैदी हैं, जो क्षमता से काफी ज्यादा हैं.