छत्तीसगढ़ :– बीजापुर जिले में नक्सल-विरोधी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। मंगलवार को हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 12 माओवादियों को मार गिराया, जबकि इलाके में सर्च और कॉम्बिंग ऑपरेशन अब भी जारी है।
इस कठिन अभियान में DRG बीजापुर के तीन वीर जवान— प्रधान आरक्षक मोनू वडड़ी, आरक्षक दुकारू गोंडे और आरक्षक रमेश सोड़ी ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। राज्य में शोक की लहर है, वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भावपूर्ण ट्वीट कर इन जवानों को श्रद्धांजलि दी।
CM साय ने व्यक्त की संवेदना— “जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा”
सीएम ने लिखा कि तीनों शहीद जवानों का सर्वोच्च बलिदान राज्य कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने ईश्वर से शोकग्रस्त परिवारों को शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की और शहीदों की आत्मा की शांति की कामना की।
इसके साथ ही मुठभेड़ में घायल दो अन्य जवानों की स्थिति स्थिर बताई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों जवानों के उपचार की समुचित व्यवस्था की गई है और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
“माओवाद का अंत अब बहुत करीब” — मुख्यमंत्री
अपने संदेश में सीएम विष्णुदेव साय ने साफ कहा कि सुरक्षा बलों का यह साहस और सफलता इस ओर संकेत है कि छत्तीसगढ़ में लाल आतंक खत्म होने की कगार पर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और सुरक्षा बल माओवाद के पूर्ण उन्मूलन के संकल्प पर अडिग हैं।
सीएम ने स्पष्ट किया कि—“जब तक बस्तर के अंतिम गाँव तक शांति, सुरक्षा और विकास नहीं पहुँच जाता, नक्सल-विरोधी अभियान जारी रहेगा।”
