नई दिल्ली:· राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने दिल्ली ब्लास्ट मामले से जुड़े तीन डॉक्टरों पर बड़ी कार्रवाई की है। इन तीनों डॉक्टरों के लाइसेंस तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं। यह कदम जम्मू-कश्मीर मेडिकल काउंसिल की सिफारिश और जांच एजेंसियों द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर उठाया गया है।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने 15 नवंबर को एक आदेश जारी करते हुए दिल्ली ब्लास्ट मामले से जुड़े तीन डॉक्टरों का लाइसेंस तुरंत रद्द कर दिया है। एनएमसी की यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर मेडिकल काउंसिल की सिफारिश पर आधारित है।
जिन डॉक्टरों पर कार्रवाई की गई है, वे जम्मू-कश्मीर मेडिकल काउंसिल में पंजीकृत थे। इन डॉक्टरों में डॉक्टर मुजफ्फर अहमद (पंजीकरण संख्या 14680/2017), डॉक्टर अदील अहमद राठर (पंजीकरण संख्या 15892/2019), और डॉक्टर मुजमिल शकील (पंजीकरण संख्या 15130/2018) शामिल हैं।
नैतिकता और ईमानदारी का गंभीर उल्लंघन
एनएमसी ने स्पष्ट किया कि इन डॉक्टरों को जांच एजेंसियों द्वारा एकत्रित प्रमाणों के आधार पर नौगाम, श्रीनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर संख्या 162/2025 से जुड़े गंभीर मामले में शामिल पाया गया था। एनएमसी ने कहा कि उनका यह आचरण चिकित्सकीय पेशे की नैतिक मान्यताओं, ईमानदारी और जनता के भरोसे के पूरी तरह प्रतिकूल है। भारतीय चिकित्सा परिषद विनियम 2002 के अध्याय 1 के क्लॉज 1.1.1 और 1.1.2 के तहत ऐसे कृत्यों को गंभीर उल्लंघन माना जाता है।
अब नहीं कर सकेंगे मेडिकल प्रैक्टिस
जम्मू-कश्मीर मेडिकल काउंसिल ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए इन तीनों डॉक्टरों का पंजीकरण रद्द करने का आदेश जारी किया है। आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि उनके नाम तुरंत प्रभाव से मेडिकल प्रैक्टिशनर रजिस्टर से हटा दिए जाएं।
इसका अर्थ यह है कि अब वे डॉक्टर किसी भी चिकित्सा कार्य, किसी भी चिकित्सा संस्थान में नियुक्ति या मेडिकल पेशे से जुड़े किसी भी दायित्व का निर्वहन नहीं कर सकेंगे, जब तक कि आगे कोई नया आदेश जारी न हो।
दिल्ली ब्लास्ट की जांच में एनआईए की विशेष टीम
यह कार्रवाई 10 नवंबर को लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास खड़ी एक कार में हुए धमाके से जुड़ी है। इस हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई थी, और दर्जनों लोग घायल हुए थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मामले की जांच के लिए 10 अधिकारियों की एक विशेष टीम गठित की है। इस टीम में एक आईजी, दो डीआईजी, तीन एसपी और बाकी डीएसपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं।
जांच एजेंसियां सोशल मीडिया गतिविधियों पर भी नजर रख रही हैं और दिल्ली भर के कई स्थानों से मोबाइल फोन डंप डेटा एकत्र कर रही हैं। इसके अलावा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और मुंबई में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों और धार्मिक स्थलों के आसपास सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
