नई दिल्ली। राष्ट्रीय बालिका दिवस 2024
महिलाओ और बालिकाओ के साथ जो भी अपराध होते है उनसे उन्हें बचाने और समाज में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है हम उस समाज में रहते है जहा हर तकबा मौजूद है इसमें समाज में अच्छाई के साथ बुराई भी मौजूद है ऐसे मे जरुरत है की हर कोई अपनी जिम्मेदारी समझे समाज मे हर तकबे का जागरूक होना जरुरी है इसी जागरूकता को समाज में आखरी व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए हर साल जनवरी में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको राष्ट्रीय बालिका दिवस के सम्बंधित हर जानकारी देने जा रहे है की बालिका दिवस क्यों और कब मनाया जाता है इसका इतिहास क्या है और साथ ही साथ आपको इसके महत्त्व और इतिहास से अवगत कराएँगे आइये शुरू करते है आज का आर्टिकल।
राष्ट्रीय बालिका दिवस कब मानते है
महिलाओ और बालिकाओ के खिलाफ होने वाले अपराधों से उन्हें बचाने और समाज में जागरूकता फ़ैलाने के लिए हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने के पीछे उद्देश्य समाज में बालिकाओ और महिलाओ के प्रति हो रहे अपराधों से उन्हें बचाने और प्रगति करने के लिए उन्हें सहायता करने से है।
राष्ट्रीय बालिका दिवस की जरुरत क्या है ?
इस दिवस को मनाने की जरुरत इसलिए भी है की समाज में संतुलन बनाये रखने के लिए महिलाओ और बालिकाओ का होना जरुरी है हर ना जाने कितनी बच्चियों को जन्म से पहले ही मार दिया जाता है हर साल न जाने कितनी ही बच्चियों और महिलाओ के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है इस तरह के मानसिकता वाले लोगो से इन्हे बचाने की जरुरत है साथ ही साथ महिलाओ और बालिकाओ को आगे बढ़ने के लिए समाज में ये जागरूकता का जरुरी है जिस वजह से इस दिवस की जरुरत बनी रही है
राष्ट्रीय बालिका दिवस क्यों मानते है
बालिकाओ और महिलाओ को प्रगति करने के लिए अवसर देने और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति सचेत करने और उन्हें बराबरी के लिए अवसर प्रदान करने तथा समाज में घटित हो रहे भेदभाव से अवगत कराने के कारण राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। फिर चाहे वो कोई भी छेत्र हो शिक्षा खेलकूद या फिर आत्मसम्मान।
राष्ट्रीय बालिका दिवस सर्वप्रथम किस साल मनाया गया ?
आज से करीब 16 साल पहले यानी साल 2008 में 24 जनवरी को पहली बार राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया।तब से हर साल 24 जनवरी को इस दिन को मनाया जाने लगा। इस दिवस की शुरुवात राष्ट्रीय बाल विकास मंत्रालय ने की।
राष्ट्रीय बालिका दिवस का महत्व
हर किसी राष्ट्र की उन्नति में सबका साथ होता है फिर चाहे वो पुरुष महिला बराबर भागीदारी होती है। उसी प्रकार बालिकाओ का देश के विकाश में पूर्ण योगदान हो इसके लिए उन्हें शिक्षा के जागरूक करना बहुत जरुरी है सरकार बालिकाओ और महिलाओ के लिए काफी योजनाए लेकर आयी है जो समाज के हर हिस्से में पहुंचना जरुरी है जब एक नारी शिक्षा प्राप्त करती है तो उसके साथ कई और शिक्षित होती है इस कारण इस दिवस का महत्त्व शिक्षा और अपने अधिकार को पहचानने के लिए बहुत जरुरी है।
राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास क्या है ?
अगर बात करे राष्ट्रीय बालिका दिवस के इतिहास की तो हमारे देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंद्रा गाँधी ने आज के ही दिन साल 1966 में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी एक महिला के लिए ये पद उसकी काबलियत और उसके सम्मान की लड़ाई थी इस कारण इस का महत्त्व और बढ जाता है महिलाओ और बालिकाओ के सशक्तिकरण के लिए उन्हें और समाज को जागरूक होना जरुरी है।
बालिका दिवस मनाने का क्या उद्देश्य है
बालिका दिवश मनाने का मुख्य उद्देश्य बालिकाओ को समाज में जागरूक करना अधिकारों के लिए लड़ना और समानता का अधिकार देना है जिस कारण हर बालिका अपने अधिकारों को पहचाने और देश की प्रगति में बराबर की भागीदार हो।