नई दिल्ली:– पाकिस्तानी मॉड्यूल और ISIS से जुड़ाव के आरोप में पकड़े गए दो किशोरों की जांच के दौरान ATS को लगातार नए और गंभीर तथ्य मिल रहे हैं। जांच में यह पता चला है कि दोनों किशोर सिर्फ पाकिस्तान स्थित हैंडलरों के संपर्क में ही नहीं थे, बल्कि उनका नेटवर्क कई अन्य देशों और भारत के विभिन्न राज्यों तक भी फैला हुआ था। इसी नेटवर्क की तह तक पहुंचने के लिए ATS ने अब इंस्टाग्राम मुख्यालय, कैलिफोर्निया को तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध भेजा है।
इंस्टाग्राम को भेजा गया तकनीकी डेटा का अनुरोध
एटीएस ने इंस्टाग्राम को जो मेल भेजा है, उसमें कई प्रकार की डिजिटल जानकारी मांगी गई है, जैसे—
लॉगिन हिस्ट्री
चैट बैकअप
सर्वर-आधारित मेटाडेटा
यूजरनेम बदलने के पैटर्न
मास्क्ड और फर्जी अकाउंट इंटरैक्शन
डिवाइस लिंकिंग और रिकवरी लॉग्स
ग्रुप गतिविधियों की टाइमलाइन
डिजिटल जांच में यह भी सामने आया है कि किशोर कई विदेशी डिजिटल ऑपरेटर्स से जुड़े थे और डेटा छिपाने, पहचान बदलने तथा एन्क्रिप्टेड चैट का इस्तेमाल करने में बेहद दक्ष थे। पाकिस्तान में बैठे हैंडलरों ने उन्हें डिजिटल तकनीक में पूरी तरह प्रशिक्षित किया था।
अरबी सीखने के पीछे था सीधा विदेशी संपर्क बनाना
जब्त किए गए लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फॉरेंसिक जांच में सामने आया है कि दोनों किशोर अरबी सीखने के लिए कई ऑनलाइन टूल्स और ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे थे। इसका उद्देश्य था—आईएसआईएस समर्थकों और विदेशी संपर्कों से सीधे संवाद स्थापित करना। किशोरों ने इंस्टाग्राम पर “ISIS Raipur” नाम का एक ग्रुप भी बनाया था, जिसमें कट्टर विचारधारा से प्रभावित लोगों को जोड़ा जा रहा था।
डार्क वेब पर हथियारों की खोज
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि किशोर डार्क वेब पर घातक हथियारों और आतंकी गतिविधियों से जुड़े कंटेंट की खोज कर रहे थे। एटीएस ने इस खोज को बेहद संवेदनशील मानते हुए हाई-रिस्क जोन में रखा है और इससे जुड़े सभी डिजिटल ट्रेल्स की गहराई से जांच की जा रही है।
जांच कई जिलों और राज्यों में फैली
दोनों किशोरों की गिरफ्तारी के बाद एटीएस की जांच का दायरा काफी बढ़ गया है। अब जांच छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों तक भी पहुंच चुकी है। भिलाई के जिन चार युवकों का संबंध सामने आया था, उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है, जबकि उनके मोबाइल फोन अभी तकनीकी परीक्षण के लिए जब्त किए गए हैं।
