नई दिल्ली:– रेलवे ने ट्रेनों में यात्रियों को भीड़भाड़ और टिकटों की मारामारी से राहत देने के लिए बड़ा फैसला किया है। रेलवे ने 48 प्रमुख शहरों में ट्रेनों के परिचालन की क्षमता को साल 2030 तक दोगुना करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है। इसका सीधा असर आम यात्रियों पर पड़ेगा। इससे आने वाले समय में कंफर्म टिकट पाने में बेहद आसानी होगी। रेलवे के मुताबिक यात्रा की मांग में तेजी हो रही और मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर का भविष्य की जरूरतों के हिसाब से अपडेट करना बेहद ज्यादा जरूरी है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेलवे के इस मास्टर प्लान के तहत केवल मेन स्टेशन्स का ही नहीं, बल्कि उनके आसपास के स्टेशनों का भी विकास किया जाएगा। इसका मकसद है कि मेन टर्मिनल पर भीड़ कम हो। क्षमता का संतुलन बना रहे। पुणे स्टेशन की क्षमता बढ़ाने के साथ हडपसर, खडकी और आलंद जैसे स्टेशनों को भी विकसित किया जाएगा। इस योजना को अगले 5 साल में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, जिससे यात्रियों को इसका फायदा तुरंत मिले
स्टेबलिंग लाइंस की बढ़ेगी संख्या
इस योजना के तहत मौजूदा टर्मिनलों में नए प्लेटफॉर्म, ट्रेनों को खड़ा करने के लिए स्टेबलिंग लाइंस और मेंटेनेंस के लिए पिट लाइंस की संख्या बढ़ाई जाएगी। रेलवे शहरों के आसपास अधिक टर्मिनल भी बनाएगा। रेलवे सिग्नलिंग को अपग्रेड कर दिया जाएगा। ट्रेन की पटरियों की संख्या यानी मल्टीट्रैकिंग को बढ़ाया जाएगा, जिससे एक साथ अधिक ट्रेनें चल सकें।
इन प्रमुख शहरों में बढ़ेगी क्षमता
मेट्रो शहर: दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू और हैदराबाद।
उत्तर भारत: लखनऊ, वाराणसी, जयपुर, चंडीगढ़, अमृतसर और अयोध्या।
मध्य/ पश्चिम भारत: अहमदाबाद, पुणे, नागपुर, भोपाल, इंदौर, सूरत और वडोदरा।
पूर्वी/ दक्षिण भारत: पटना, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, कोचीन, मैसूर और तिरुपति।
3 कैटेगरी में बांटा काम
रेलवे का कहना है कि यह पूरी कवायद दोनों तरह की ट्रेनें लोकल यानी सबर्बन और लंबी दूरी नॉन सबर्ब्स ट्रेनों के लिए की जाएगी। रेलवे बोर्ड ने सभी तरह के जोनल रेलवे को तत्काल, शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैटेगरीज में काम बांटकर समय सीमा के भीतर टारगेट को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। बता दें, नया रेलवे पैसेंजर फीस स्ट्रक्चर शुक्रवार को लागू हो चुका है। इसमें स्लीपर और फर्स्ट क्लास, साधारण क्लास में उपनगरीय क्षेत्रों से बाहर की यात्राओं के लिए किराए में एक पैसा प्रति किलोमीटर का इजाफा हुआ है।
