छत्तीसगढ़:– नक्सल प्रभावित बस्तर अब खेलों की वजह से नई पहचान बना रहा है। जहां कभी गोली और विस्फोट की आवाज़ें गूंजती थीं, वहीं आज मैदानों में युवाओं की जुझारू प्रतिभा और उत्साह दिखाई दे रहा है। इस परिवर्तन की सबसे बड़ी मिसाल है बस्तर ओलंपिक, जिसमें सरेंडर नक्सली और नक्सल पीड़ित युवा भी खिलाड़ियों के रूप में अपनी नई पहचान गढ़ रहे हैं। ब्लॉक और जिला स्तर की प्रतियोगिताओं के बाद अब आयोजन अपने सबसे बड़े चरण—संभाग स्तरीय मुकाबलों में प्रवेश कर रहा है।
13 दिसंबर को समापन समारोह में शामिल होंगे गृहमंत्री अमित शाह
बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह को खास बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 13 दिसंबर को जगदलपुर पहुंचेंगे। इससे पहले 11 दिसंबर से शुरू होने वाले संभाग स्तरीय खेलों में 3,500 खिलाड़ी भाग लेंगे। इनमें 500 नक्सल पीड़ित और 500 सरेंडर नक्सली शामिल हैं, जो बस्तर में बढ़ते विश्वास, पुनर्वास और शांति के माहौल का प्रतीक बन रहे हैं।
सामाजिक परिवर्तन का खेल आंदोलन: डिप्टी सीएम ने की समीक्षा
उपमुख्यमंत्री और खेल मंत्री अरुण साव के नेतृत्व में इस आयोजन को केवल खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन और विश्वास बहाली का अभियान माना जा रहा है। डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने भी समीक्षा कर अधिकारियों को निर्देशित किया कि यह आयोजन युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बनना चाहिए।
पिछले बस्तर ओलंपिक के विजेताओं को यूथ आइकॉन बनाकर गांव-गांव में खेलों का संदेश ले जाने की योजना भी तैयार की गई है।
11–13 दिसंबर: 3500 खिलाड़ी 11 खेलों में दिखाएंगे दम
बस्तर ओलंपिक में इस वर्ष रिकॉर्ड 3.91 लाख से अधिक पंजीयन हुए, जिनमें से चयनित 3500 खिलाड़ी अब संभाग स्तर के मैदान में उतरेंगे। ये खिलाड़ी 11 तरह के खेलों में अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे।
कहां किस मैदान में होंगे मुकाबले?
जगदलपुर सिटी ग्राउंड: फुटबॉल, वॉलीबॉल, कराटे, बैडमिंटन, वेटलिफ्टिंग
पंडरीपानी खेलो इंडिया सेंटर: हॉकी
धरमपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स: कबड्डी, खो-खो, एथलेटिक्स, रस्साकशी, तीरंदाजी
‘नुआ बाट’ बनी आयोजन की पहचान — नक्सल पीड़ित और सरेंडर नक्सलियों की विशेष टीम
बस्तर ओलंपिक का सबसे खास हिस्सा है ‘नुआ बाट’, जिसमें 500 नक्सल पीड़ित और 500 पूर्व नक्सली शामिल हैं। यह केवल खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि हिंसा से बाहर निकलकर नई जिंदगी की ओर बढ़ने की उम्मीद का प्रतीक है। इन खिलाड़ियों की भागीदारी बताती है कि बस्तर में शांति की राह अब मजबूती से बन रही है।
राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की भागीदारी पर जोर
गृह मंत्री विजय शर्मा ने निर्देश दिया है कि प्रतियोगिता को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर से जोड़ने के प्रयास बढ़ाए जाएं, ताकि बस्तर के युवा बड़े मंच के खिलाड़ियों से सीख सकें और प्रेरित हों।
बेहतर प्रबंधन पर विशेष ध्यान
खिलाड़ियों के ठहरने, भोजन, सफाई, सुरक्षा, परिवहन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में किसी भी तरह की कमी न आए—इसके लिए प्रशासन, पुलिस और खेल विभाग संयुक्त रूप से तैयारी कर रहे हैं। डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि “बस्तर ओलंपिक का संदेश देश और दुनिया में सकारात्मक रूप में जाना चाहिए।”
