नई दिल्ली:– भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को ‘जानें अपने ग्राहक (केवाईसी)’ के नियमों में बदलाव लाने का प्रस्ताव दिया है. इसका मकसद मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना है. इससे लाखों की संख्या में बैंक कस्टमर्स और सरकारी स्कीम्स के लाभार्थियों के लिए KYC अपडेट कराना आसान हो जाएगा. रिजर्व बैंक ने अपने ड्राफ्ट सकुर्लर में समय-समय पर केवाईसी अपडेट करने के प्रॉसेस को आसान बनाया है, जिससे केवाईसी को समय-समय पर अपडेट कराने में आने वाली चुनौतियों का समाधान हो सके.
केवाईसी अपडेट के कई सारे मामले पेंडिंग
शुक्रवार को जारी अपने ड्राफ्ट सकुर्लर में क्रेंद्रीय बैंक ने कहा कि केवाईसी को समय-समय पर अपडेट कराने के कई सारे मामलों को पेंडिंग देखा गया है. इनमें डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT), इलेक्ट्रॉनिक बेनिफिट ट्रांसफर (EBT) के लिए खोले गए अकाउंट्स शामिल हैं. प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए अकाउंट्स में भी ग्राहकों को परेशानी हो रही है. केवाईसी अपडेट कराने में परेशानी हो रही है. केवाईसी को समय-समय पर अपडेट कराने में ग्राहकों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में रिजर्व बैंक को शिकायतें मिल रही हैं.
बैंकों के लिए अब यह अनिवार्य
रिजर्व बैंक ने सभी बैंक कस्टमर्स को समय-समय पर केवाईसी अपडेट कराने का निर्देश दिया है. अब बैंकों के लिए समय-समय पर केवाईसी अपडेट के बारे में अपने ग्राहकों को कम से कम तीन बार अग्रिम सूचना देना अनिवार्य हो गया है. केंद्रीय बैंक के इस प्रस्ताव पर सभी साझेदार 6 जून तक अपने सुझाव दे सकते हैं.
आरबीआई का कहना है कि बैंक अपने सभी शाखाओं में डॉरमेंट अकाउंट्स या बिना दावे वाली रकम के लिए अनिवार्य रूप से केवाईसी अपडेट कराने की सुविधा मुहैया कराएं. इसके अलावा, अगर बैंक के पास वीडियो कनज्यूमर आइडेंटिफिकेशन प्रॉसेस (V-CIP) की सुविधा है, तो अकाउंट होल्डर के कहने पर उन्हें यह फेसिलिटी मुहैया कराएं. रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि इनएक्टिव बैंक अकाउंट्स को एक्टिवेट करने के लिए अधिकृत बिजनेस कॉरस्पोंडेंट की मदद भी ली जा सकती है.