नई दिल्ली:– अक्षय तृतीया 30 अप्रैल 2025 को है. संस्कृत में ‘अक्षय’ का अर्थ होता है – जिसका कभी क्षय न हो, अर्थात् अनंत या शाश्वत. यह दिन अपार समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. यह दिन कुछ नया आरंभ करने के लिए वर्ष के सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है. लोग इस अवसर पर सोना, चांदी जैसे कीमती धातु खरीदते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे परिवार में समृद्धि और शुभता आती है.
अक्षय तृतीया पर सिर्फ खरीदारी ही नहीं बल्कि दीपदान करने का भी महत्व है. जानें इस दिन घर में कौन सी जगह पर दीपक लगाने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है, मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है.
अक्षय तृतीया पर घर में 3 जगह लगाएं दीपक
इस दिशा में दीपक – घर के उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर और मां लक्ष्मी की दिशा माना जाता है. अक्षय तृतीया पर घर में इस दिशा में दीपक जलाने से धन, वैभव और सुख-शांति की प्राप्ति होती है. बरकत का वास होता है.
पानी रखने की जगह- किचन में एक खास जगह होती है, जहां पीने का पानी रखा जाता है. इसे पंडेरी भी कहते हैं. इसे पितरों का स्थान कहा जाता है. अक्षय तृतीया की शाम यहां भी एक दीपक जरूर लगाएं. मान्यता है इससे पितरों की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी और आने वाले संकट टल जाते हैं .
यदि आपके घर के आसपास कोई कुआं, तालाब या अन्य जल स्रोत है, तो वहां पर भी दीपक अवश्य जलाना चाहिए. जल स्रोतों के पास दीपक जलाना प्रकृति और देवताओं के प्रति आभार प्रकट करने का जरिया है.
घर का मुख्य द्वार – अक्षय तृतीया की शाम घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर घी का मिट्टी का दीपक लगाएं. यहीं से मां लक्ष्मी का आगमन होता है. देवी लक्ष्मी वहीं विराजमान होती है जहां उजाला और सफाई हो. यहां दीपक लगाने से धन-धान्य में बढ़ोत्तरी होती है.