नई दिल्ली :- कल आपातकाल की 50 वीं वर्षगांठ मनाई गई. 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में इमरजेंसी लागू करने का ऐलान किया था. साल 2024 से इस दिन संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. वहीं आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहा कि इमरजेंसी भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इमरजेंसी को 50 साल बाद भी याद रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि इसी से यह समझ में आएगा की देश को संविधान की सबसे ज्यादा जरूरत क्यों है. वहीं इमरजेंसी के 50 वर्ष पूरे होने पर केंद्रीय कैबिनेट की एक बैठक हुए, जिसमें 2 मिनट का मौन रखा गया. उसके बाद इमरजेंसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर इस लोकतंत्र और संविधान की हत्या बताया गया.