नई दिल्ली:– सोमवती अमावस्या का दिन पूर्वजों की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन श्राद्ध कर्म और दान-पुण्य करने का विधान है। सोमवती अमावस्या हर बार अत्यंत समर्पण और भक्ति के साथ मनाई जाती है। इसका बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। सोमवार को पड़ने की वजह से इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है।
इस दिन विभिन्न प्रकार के पूजा अनुष्ठान किए जाते हैं, जो हमारे पूर्वजों और पितरों को समर्पित होते हैं। वहीं, इस दिन पितरों के तर्पण के बाद भगवान विष्णु के 108 नामों का जाप करना भी बहुत अच्छा माना गया है, तो चलिए यहां पढ़ते हैं।