मध्यप्रदेश:– बीते एक दशक में दिल की बीमारियां के मरीज काफी बढ़ गए हैं. जहां पहले ये बीमारी बुजुर्गों में अधिक देखी जाती थी वहां अब कम उम्र के लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि उनके पास आने वाले हर चार हार्ट अटैक मरीजों में से एक की उम्र 40 साल से कम होती है. यह आंकड़ा बताता है कि युवाओं का दिलों कमज़ोर हो रहा है. इसका प्रमुख कारण बदलती लाइफस्टाइल, मानसिक दबाव और फिजिकल एक्टिविटी की कमी है.
देशभर में बीते कुछ सालों के भीतर हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामलों बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे वीडियो भी सोशल मीडिया पर आए रहते हैं जहां देखा जाता है कि किसी को अचानक हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई. इन मामलों में बड़ी संख्या युवाओं की है. बाहर से फिट दिख रहे लोग भी हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो रहे हैं. शेल्बी हॉस्पिटल, जबलपुर के कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर डॉ. आर. एस. शर्मा बताते हैं कि उनके पास हर चार में से एक हार्ट अटैक मरीज 40 साल से कम उम्र का होता है. बड़ी समस्या यह है कि लोग शुरुआती लक्षणों को हल्के में लेते हैं. 80% से ज्यादा मरीज अस्पताल काफी देरी से पहुँचते हैं, तबतक नुकसान हो चुका होता है.
हार्ट की बीमारियां का क्या है बड़ा कारण?
डॉ. शर्मा बताते हैं कि मोटापा, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मामलों में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है. दिल की बीमारियां का कम उम्र में होने का बड़ा कारण अब मानसिक तनाव और नींद की कमी भी है. युवाा जंक फूड खाने के आदी हो गए हैं. हाई ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल भी अब बुजुर्गों की बीमारी नहींं रही है. ये युवाओं को भी हो रही है जो दिल की बीमारियां का एक बड़ा कारण है. अब समय आ गया है कि युवा अपने हृदय स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें. 30 की उम्र पार करते ही हर व्यक्ति को साल में एक बार अपना हार्ट चेकअप जरूर करवाना चाहिए.
हार्ट की हेल्थ को अच्छा कैसे रखें?
रोज़ाना कम से कम 30 से 45 मिनट पैदल चलें
तले-भुने भोजन और अधिक नमक से परहेज़ करें
धूम्रपान और शराब छोड़े
नींद पूरी लें कम से कम से से आठ घंटे रोज
मानसिक तनाव न लें।
 
		