नई दिल्ली : – संसद के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन विपक्षी दलों ने दिल्ली-एनसीआर की विषाक्त हवा के खिलाफ आज सुबह से ही जोरदार विरोध दर्ज कराया। सुबह 10:30 बजे मकर द्वार पर कांग्रेस, टीएमसी, सपा, डीएमके और वाम दलों के सांसद गैस मास्क पहनकर पहुंचे और सरकार की “निष्क्रियता” के खिलाफ नारे लगाए।
विपक्ष द्वारा लगाए गए बड़े पोस्टर ने सबका ध्यान खींचा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ तंज भरा संदेश लिखा था— “मौसम का मज़ा लीजिए।”
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “मौसम का मज़ा लेने की बात कैसे की जा सकती है? बच्चों और बुजुर्गों के लिए सांस तक लेना मुश्किल हो गया है। सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए।”
वहीं सोनिया गांधी ने भी प्रदूषण पर राष्ट्रीय स्तर पर सख्त और आपातकालीन कार्रवाई की मांग उठाई।
विपक्ष की चार प्रमुख मांगें
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को राष्ट्रीय जन स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया जाए।
बंद पड़े सभी वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग स्टेशन तुरंत चालू किए जाएं।
प्रदूषण फैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
वैज्ञानिक आधार पर राष्ट्रीय स्वच्छ वायु योजना लागू की जाए।
कांग्रेस सांसद बी. माणिक्कम टैगोर ने सोशल मीडिया पर कहा कि सरकार दिल्ली की जहरीली हवा को लेकर गंभीर नहीं है, जबकि स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। लोकसभा में प्रदूषण पर स्थगन प्रस्ताव भी दाखिल किया गया है।
दिल्ली में हवा बेहद खराब
राजधानी के कई इलाकों में AQI 300 के पार चला गया है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी मानी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार पराली जलना, वाहन उत्सर्जन और निर्माण कार्य मिलकर वायु गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहे हैं।
आज के संसदीय कामकाज में प्रश्नकाल के साथ कई महत्वपूर्ण विधेयक सूचीबद्ध हैं, लेकिन प्रदूषण का मुद्दा हंगामे का केंद्र बना हुआ है। विपक्ष ‘वंदे मातरम्’ और चुनावी सुधारों पर भी चर्चा की मांग कर रहा है।
