नई दिल्ली:– शुभांशु शुक्ला ने मिशन के विदाई समारोह में कहा कि यह यात्रा उनके लिए अविस्मरणीय रही और उन्होंने इसका श्रेय अपनी टीम, कमांडर और पूरे मिशन दल को दिया। उन्होंने कहा, “यह अनुभव असाधारण था। मैं उन सभी लोगों का आभारी हूं जिन्होंने इस यात्रा को संभव बनाया। यह केवल एक मिशन नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक सफर रहा है।”
भावुक हुए शुभांशु शुक्ला
हिंदी में दिए गए अपने विदाई संबोधन में उन्होंने भारतवासियों को संबोधित करते हुए कहा, “मेरी यह यात्रा भले ही समाप्त हो रही है, लेकिन भारत के मानव अंतरिक्ष अभियान की राह अभी लंबी और चुनौतीपूर्ण है। हम सभी का रास्ता आगे बहुत कुछ पाने और रचने के लिए खुला है। अगर हम ठान लें, तो आकाश की हर ऊंचाई हमारी है।”
राकेश शर्मा का किया जिक्र
शुभांशु शुक्ला ने भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा का उल्लेख करते हुए कहा, ‘1984 में जब राकेश शर्मा अंतरिक्ष से भारत को देख रहे थे, तब उन्होंने कहा था कि ‘सारे जहां से अच्छा’। आज, चार दशक बाद मैं भी वही कहता हूं लेकिन अब यह भारत और भी अधिक आत्मविश्वास, निडरता और उम्मीदों से भरा हुआ नजर आता है।’
मिशन में किए गए कई महत्वपूर्ण प्रयोग
शुक्ला और उनके तीन साथियों अमेरिकी कमांडर पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू ने मिलकर 26 जून को एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा शुरू की थी। इन अंतरिक्ष यात्रियों ने मिशन के दौरान कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनमें माइक्रोएल्गी, जैविक गतिविधियों और ब्रेन रिस्पॉन्स जैसे प्रयोग शामिल हैं।
मिशन अंतिम चरण में, जल्द होगी वापसी
अब, जब मिशन अपने अंतिम चरण में है, चारों अंतरिक्ष यात्री सोमवार को अंतरिक्ष स्टेशन से रवाना होकर कैलिफोर्निया तट पर स्प्लैशडाउन के ज़रिए पृथ्वी पर लौटने के लिए तैयार हैं। भारतीय समयानुसार शाम 4:35 बजे वापसी की प्रक्रिया शुरू होगी। आपको बता दें कि राकेश शर्मा के बाद यह पहली बार है जब किसी भारतीय अंतरिक्ष यात्री ने उड़ान में भाग लिया। शुभांशु शुक्ला की यात्रा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बेहद अहम बताई जा रही है और ये भारत के गगनयान मिशन के लिए एक मजबूत आधार भी बनकर सामने आई है।