हरियाणा:- गुरजीत सिंह मान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बासमती धान का सरकार द्वारा कोई एमएसपी निर्धारित नहीं किया गया है और न ही इसे सरकार खरीदती है। सरकार केवल गैर बासमती धान खरीदती है, जिसका न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित है और इसकी सरकारी बोली भी होती है। लेकिन बासमती धान की सरकारी बोली नहीं होती बल्कि प्राइवेट बोली होती है जो कि खरीददार अपना हर नफा नुकसान देख कर हो धान खरीदता है और अपने ही मानक तय करता है। लेकिन किसान फिर भी वर्तमान में मिलने वाले धान के दामो से खुश हैं।
अब देखना ये है कि जो आगे धान की फसल जो नवम्बर माह में बहुतायत रूप से आनी है तब तक यह दाम यही बने रहते हैं, कम होते हैं या फिर और अधिक होते हैं।