नई दिल्ली:- राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के मुख्यमंत्रियों की बुलाई गई 25 मई की बैठक कई मामलों में काफी महत्वपूर्ण है. यह बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है जब एनडीए की सरकार ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर अलग अलग राज्यों में तिरंगा यात्रा निकाल रही है और अभी तक आपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर बीजेपी देशभर में 12 हजार कार्यक्रम कर चुकी है.
इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के साथ-साथ एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शामिल होंगे. ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के अलावा इस बैठक का मुख्य उद्देश्य एनडीए शासित राज्यों में विकास कार्यों, केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और बेहतर शासन पर चर्चा करना है. बैठक में इन विषयों पर भी विचार किया जाएगा,जिनमें मुख्य तौर पर विकास और शासन पर जोर,चुनावी रणनीति,संविधान का अमृत महोत्सव,आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ, और क्षेत्रीय संतुलन जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
विकास और शासन पर जोर .. और चुनावी रणनीति
बैठक में राज्यों में चल रही केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे ‘स्वच्छ भारत मिशन’, ‘हर घर जल’, ‘पीएम आवास योजना’ और ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ की प्रगति की समीक्षा की जाएगी. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को देखते हुए, एनडीए के सहयोगी दलों जैसे जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के बीच बेहतर समन्वय और सीट बंटवारे पर चर्चा होगी.
संविधान का अमृत महोत्सव और आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ
2025 में संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘संविधान का अमृत महोत्सव’ के तहत विभिन्न कार्यक्रमों की योजना बनाई जाएगी. इस बैठक में 1975 में लगाए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ को ‘लोकतंत्र की हत्या’ के रूप में चिह्नित करते हुए, एनडीए इस अवधि को जनता के बीच उजागर करने की योजना भी बनाएगी.
जातीय और क्षेत्रीय संतुलन
बैठक में सामाजिक और क्षेत्रीय समावेशिता पर जोर देते हुए, विभिन्न समुदायों और क्षेत्रों के विकास पर चर्चा होगी. बीजेपी द्वारा इस बैठक को बुलाने के पीछे कई रणनीतिक कारण हैं. बैठक में मुख्य तौर पर आने वाले दिनों में जिन राज्यों में चुनाव हैं, उनकी तैयारियों पर चर्चा की जाएगी.
हाल ही में, हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में मिली जीत के बाद, बीजेपी और एनडीए गठबंधन बिहार, असम और पश्चिम बंगाल के आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है. इस बैठक का उद्देश्य गठबंधन के सहयोगियों के बीच एकजुटता और समन्वय को बढ़ाना है. इसके अलावा बीजेपी चाहती है कि ये गठबंधन विपक्ष के खिलाफ रणनीति बनाते हुए आगे बढ़े.
सूत्रों की माने तो हाल में जिस तरह से कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन का प्रभाव कुछ बढ़ता हुआ नजर आ रहा है, उसे देखते हुए भाजपा, एनडीए की ताकत का प्रदर्शन भी करना चाहती है. यह बैठक विपक्ष के एकजुटता के प्रयासों को जवाब देने का एक प्रयास भी है.
सूत्रों की माने तो इस बैठक में नीतीश कुमार की उपस्थिति और उनकी रणनीति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसके अलावा भाजपा राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संतुलन बढ़ाने पर भी ज्यादा से ज्यादा जोर दे रही है क्योंकि बीजेपी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उसके सहयोगी दलों के साथ राष्ट्रीय और क्षेत्रीय आकांक्षाओं का संतुलन बना रहे. यह बैठक गठबंधन के भीतर विश्वास और सहयोग को मजबूत करने के लिए एक मंच की तरह भी इस्तेमाल किया जाएगा.
रविवार यानि आगामी 25 मई को होनेवाली इस बैठक में शामिल होने वाले प्रमुख नेताओं में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के हिमंता बिस्वा सरमा, आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू, और महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे शामिल हैं. इसके अलावा, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा जैसे नेता भी उपस्थित होंगे.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला का कहना है कि यह बैठक देश के विकास और बेहतर शासन के लिए एनडीए की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन का लक्ष्य, देश के विकास की गति को आगे बढ़ाते हुए आगे होने वाले विधानसभा चुनावों में भी समन्वय बिठाते हुए ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने का है.