रामबाण साबित हो सकता है अनार का जूस! जानिए इसके फायदे और नुकसानआजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी हो गया है। अनार के जूस का वर्षों से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ के लिए सेवन किया जाता रहा है।
माना जाता है कि अनार का जूस शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को ठीक करने, एनीमिया से निजात दिलाने, शरीर को ऊर्जा देने और पाचन स्वास्थ्य को ठीक रखने में मददगार हो सकता है।:क्या अनार का जूस वजन कम करने में लाभकारी हो सकता है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि कई डाइट प्लान में वजन कम करने के लिए लोगों को आहार में अनार के जूस को शामिल करने की सलाह दी जा रही है।
अनार का जूस वजन कम करने के लिए:स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, अनार का जूस कई प्रकार के पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है। ये सभी पोषक तत्व मेटाबॉलिज्म और पाचन को ठीक रखने में मदद करते हैं, जिससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है। चूंकि इसमें कैलोरी की भी मात्रा अधिक नहीं होती है ऐसे में इसके सेवन से न सिर्फ शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिल जाते हैं साथ ही वजन बढ़ने का जोखिम भी कम होता है।
पाचन स्वास्थ्य और मेटाबॉलिज्म रहता है ठीकअनार को पाचन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है, इसमें फाइबर की मात्रा होती है जो पाचन स्वास्थ्य को ठीक रखने में सहायक है। जानवरों के अध्ययन में पाया गया है कि अनार के एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी-कैंसर वाले प्रभाव होते हैं, जो आंतों को स्वस्थ रखने और बेहतर पाचन को सुनिश्चित करने में सहायक है। यह मेटाबॉलिज्म को भी ठीक रखकर पाचन और वजन के लिए फायदेमंद हो सकती है।
इसका एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण बनाता है खासअनार में पॉलीफेनोल्स नामक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। पॉलीफेनोल्स शरीर में विभिन्न प्रकार की सूजन स्थितियों के इलाज के लिए प्रभावी पाया गया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि इंफ्लामेटरी समस्याओं जैसे इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (आईबीडी), रुमेटाइड आर्थराइटिस, मेटाबॉलिजम और हृदय संबंधी विकारों को दूर करने में यह प्रभावी हो सकता है।
अनार के जूस के अन्य स्वास्थ्य लाभअनार कई प्रभावी पोषक तत्वों का खजाना है जिसके सेवन से शरीर को कई प्रकार के लाभ होते हैं।एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव- अनार पॉलीफेनोल्स से भरपूर होता है, जो शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है।कैंसर की रोकथाम में इसके लाभ हैं।अल्जाइमर रोग का खतरा कम होता है।पाचन स्वास्थ्य ठीक रहता है और शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं।वात रोग में इससे लाभ मिलता है।दिल की बीमारी वाले लोगों की सेहत में सुधार होता है।