
राजस्थान के बाड़मेर जिले (Barmer) में एक निजी अस्पताल ने इलाज के नाम पर एक मरीज का प्राइवेट पार्ट (Private Part) ही काट दिया है. मरीज प्राइवेट पार्ट पर हुए फोड़े के इलाज के लिए सरकारी चिकित्सालय गया था.वहां के डॉक्टरों ने मरीज को इलाज के लिये प्राइवेट अस्पताल (private hospital) में भेज दिया.
अस्पताल ने इलाज के नाम पर पीड़ित मरीज का प्राइवेट पार्ट तो काटा ही साथ ही इलाज के नाम पर उससे मोटी रकम भी वसूली है. इस घटना के बाद फौरन पीड़ित ने इस मामले की पुलिस से शिकायत की है. बता दें कि पीड़ित के पास इलाज के रुपये नहीं थे. जिसके बाद उसने अपने घर को गिरवी रखकर इलाज की रकम जुटाई थी.
जानकारी के अनुसार बाड़मेर के रहने वाले एक मरीज के गुप्त अंग पर एक फोड़ा हो गया था. वो सबसे पहले फोड़े का इलाज करवाने के लिये जिले के सरकारी अस्पताल में गया. जहां डॉक्टरों ने कहा कि इस बीमारी का यहां इलाज संभव नहीं है. पीड़ित का आरोप है कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टर वीके गोयल ने उसे कहा कि इस वो प्राइवेट यश अस्पताल में जाए. वहीं उसका इलाज हो पाएगा है.
घर गिरवी रखकर कराया ऑपरेशन
जब वो यश अस्पताल पहुंचा तो वहां डॉक्टरों ने उसे कहा कि इस फोड़े की सर्जरी करनी पड़ेगी. इस सर्जरी के बाद वो पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएगा. डॉक्टर ने मरीज से कहा कि इस सर्जरी पर डेढ़ लाख रुपए का खर्चा आएगा. पीड़ित के पास इतने रुपये नहीं थे तो उसने अपने घर का पट्टा गिरवी रखकर रुपए का इंतजाम किया और डॉक्टर को फीस दी. उसके बाद उसका इलाज शुरू किया गया.
प्राइवेट पार्ट काटा गया और आए 12 टांके
पीड़ित को सर्जरी के दौरान बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया गया था. बाद में जब उसे होश आया तो वो हैरान रह गया. क्योंकि उसका प्राइवेट पार्ट करीब 1 इंच कटा हुआ था. उस पर करीब 12 टांके लगे हुए थे. पीड़ित का आरोप है कि उसका इलाज 1 सरकारी और 2 निजी डॉक्टर्स ने किया. डॉक्टर्स ने लापरवाही बरतते हुए उसका जीवन तबाह कर दिया. पीड़ित का यह भी आरोप है कि उसे ना तो कोई फीस की कोई रसीद दी गई और ना ही उसका पूरा इलाज किया गया.
आईजी के पास पहुंचा पीड़ित
पीड़ित ने इस घटना की शिकायत बाड़मेर एसपी को देते हुए परिवाद दर्ज करवाया. पीड़ित का आरोप है कि पुलिस उसके मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. इसके चलते उसने मंगलवार को जोधपुर रेंज आईजी नवज्योति गोगई को शिकायत सौंपी है.