
धार्मिक आयोजन से मन शांत रहता है – राजेश्री महंतअरविन्द तिवारी की रिपोर्टजांजगीर चांपा – इस तरह के धार्मिक आयोजन एवं उत्सव होने से हमारा मन , चित्त मजबूत और शांत रहता है। इसके साथ ही हमारा मन अच्छे कार्य को करने के लिये विचार करता है। हमारे धर्मग्रंथों में बहुत अच्छी बातें होती हैं , इस तरह के धार्मिक आयोजन से हमें चिंतन मनन करने और अपने जीवन में उतारने का अवसर प्राप्त होता है।
उक्त बातें मां शंवरीन दाई की पावन धरा अमोरा (महन्त) के तिलखैय्या तालाब में आयोजित रूद्र महायज्ञ एवं श्रीरामकथा के पांचवे दिन राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष ( कैबीनेट मंत्री दर्जा प्राप्त) राजेश्री महंत रामसुंदर दास ने कही। उन्होंने आगे कहा कि यह छत्तीसगढ भगवान श्री राम का ननिहाल है। हमारे यहां के लोग भगवान राम को भांजा मानते हैं , इसलिये उनके चरण छूकर प्रणाम करने की भी परंपरा है। जबकि जहां भगवान का प्रादुर्भाव हुआ वहां भी ऐसी परंपरा नहीं है। उन्होंने बताया कि भगवान शंकर ने रामचरित मानस को रचकर अपने मन मस्तिष्क में रखा था। वे किसी योग्य पात्र की खोज कर रहे थे कि कोई योग्य मिले तो इस कथा को सुनाऊं। अंत में भगवान ने माता पार्वती को यह कथा सुनाया। इसी बात को रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा – रचि महेश निज मानस राखा। पाई सुसमय शिवा सन भाषा।।
ऐसे देवों के देव महादेव की सभी युगों से पूजा आराधना होते आयी है। इसी क्रम में आज हम सब संत केशवानंद सरस्वती की इस तपोभूमि में भी रामकथा का श्रवण कर रहे हैं। इस अवसर पर मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव , कमलेश सिंह , प्रमोद सिंह , यजमान के रूप में शांति तिवारी / श्रीमति पुष्पा तिवारी , आचार्य केशव प्रसाद पाण्डेय , कामधेनु सेना के प्रदेश सचिव योगेष तिवारी , गो सेवा संगठन के साक्षी चौबे विशेष रूप से उपस्थित थे। इसके पूर्व गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष ने गांव में ही जोगीराम कश्यप के स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में भी शिरकत की। यहां उन्होंने कहा कि जब राजा परीक्षित को सर्प के डसने और सातवें दिन मृत्यु के प्राप्त होने का श्राप मिला तो भी वे विचलित नहीं हुये। उन्होंने सात दिनों तक एकाग्रचित्त होकर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण किया और मोक्ष को प्राप्त कर लिये।
राजेश्री ने कहा कि परीक्षित ऐसा पराक्रमी राजा था जिससे कलियुग ने भी रहने का स्थान मांगा। अंत में उन्होंने कश्यप परिवार को इस पुण्य कार्य के लिये बधाई देते हुये दिवंगत आत्मा की मोक्ष हेतु भगवान से प्रार्थना किया।