नई दिल्ली:– डिजिटल पेमेंट्स के इस दौर में जब प्रतिस्पर्धा हर मोर्चे पर कड़ी है, SBI Card ने अपने प्रदर्शन से बाजार को हैरान कर दिया है. वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में कंपनी ने न सिर्फ मुनाफे में 10% की छलांग लगाई, बल्कि अपनी वित्तीय स्थिति को भी पहले से ज्यादा मजबूत साबित किया.
ऐसे समय में जब उपभोक्ता खर्च और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं, SBI Card की यह ग्रोथ भारतीय क्रेडिट मार्केट की मजबूती की भी गवाही देती है.
मुनाफे में उछाल: 404 करोड़ से बढ़कर 445 करोड़ रुपये
कंपनी का नेट प्रॉफिट इस तिमाही में 445 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 404 करोड़ रुपये था. यानी 10.15% की ग्रोथ.
यह बढ़ोतरी उस समय आई है जब वित्तीय क्षेत्र में लागत नियंत्रण और ग्राहकों की भुगतान क्षमता, दोनों पर दबाव देखा जा रहा था.
राजस्व में 13% की सालाना बढ़त
SBI Card का कुल राजस्व 5,136 करोड़ रुपये पर पहुंचा, जो पिछले साल इसी अवधि में 4,556 करोड़ रुपये था.
इस उछाल का सबसे बड़ा कारण रहा
ब्याज से होने वाली आय में 9% की वृद्धि.
फीस और कमीशन इनकम में 16% का इजाफा.
डिजिटल लेन-देन की तेजी, बढ़ता ग्राहक आधार और कार्डधारकों के रिवॉर्ड प्रोग्राम्स ने इसमें अहम भूमिका निभाई.
घटा फाइनेंस कॉस्ट, लेकिन बढ़े ऑपरेटिंग खर्च
कंपनी को राहत इस बात से मिली कि उसका फाइनेंस कॉस्ट 4% घटकर 760 करोड़ रुपये रह गया. लेकिन प्रमोशनल कैंपेन, नई टेक्नोलॉजी में निवेश और ग्राहक अधिग्रहण के कारण ऑपरेटिंग कॉस्ट 24% बढ़कर 2,484 करोड़ रुपये पहुंच गया.
फिर भी कंपनी का नेट मार्जिन मजबूत बना रहा, यह दर्शाता है कि SBI Card अपने विस्तार की रणनीति पर संतुलित ढंग से आगे बढ़ रहा है.
NPA में सुधार: रिस्क मैनेजमेंट हुआ और मजबूत
सितंबर 2025 तक कंपनी का ग्रॉस NPA अनुपात 2.85% रहा, जो पिछले साल 3.27% था.
इससे साफ है कि SBI Card ने अपने कलेक्शन सिस्टम और क्रेडिट रिस्क स्ट्रक्चर पर काफी काम किया है.
इसके साथ ही, कंपनी की बैलेंस शीट साइज बढ़कर 69,862 करोड़ रुपये पहुंच गई, जो मार्च 2025 में 65,546 करोड़ रुपये थी.
शेयर मार्केट की प्रतिक्रिया
वित्तीय नतीजों की घोषणा के दिन SBI Card के शेयर 0.21% की मामूली बढ़त के साथ ₹930.40 प्रति शेयर पर बंद हुए.
हालांकि बढ़त सीमित रही, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि यह कंसिस्टेंट ग्रोथ ट्रेंड निवेशकों के लिए भरोसे का संकेत है.
बाजार जानकार मानते हैं कि आने वाले महीनों में बढ़ती उपभोग मांग और डिजिटल ट्रांजैक्शन के विस्तार से कंपनी की कमाई में और तेजी आ सकती है.
SBI Card के ताजा नतीजे यह साबित करते हैं कि कंपनी सिर्फ क्रेडिट कार्ड व्यवसाय में ही नहीं, बल्कि भारत के डिजिटल फाइनेंस सेगमेंट में भी अपनी स्थिति लगातार मजबूत कर रही है.
मुनाफे में बढ़ोतरी, NPA में गिरावट और राजस्व में डबल-डिजिट ग्रोथ, ये तीन संकेत बताते हैं कि SBI Card आने वाले तिमाहियों में भी अपनी ग्रोथ स्टोरी जारी रख सकता है।
