नई दिल्ली:– सुबह का नाश्ता दिन का सबसे अहम भोजन माना जाता है। लंबे समय से यह कहा जाता रहा है कि “सुबह का खाना राजा जैसा होना चाहिए”, लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में कई लोग नाश्ता करना छोड़ देते हैं। यह आदत केवल शारीरिक कमजोरी ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) के लिए भी गंभीर खतरा बन सकती है। Nutritional Neuroscience जर्नल में प्रकाशित एक ताजा रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि नियमित रूप से नाश्ता न करने से दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ता है।
रिसर्च में क्या सामने आया?
यह अध्ययन एक Systematic Review और Meta-Analysis है, जिसमें दुनिया भर की 13 ऑब्ज़र्वेशनल स्टडीज़ का विश्लेषण किया गया।इस रिसर्च में 3 लाख 99 हजार से अधिक लोगों के डेटा को शामिल किया गया। नाश्ता छोड़ने की आदत मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हैं. डिप्रेशन, तनाव और एंग्जाइटी का खतरा डिप्रेशन और मानसिक तनाव का जोखिम बढ़ता है, रिसर्च के नतीजे चौंकाने वाले हैं जो लोग नियमित रूप से नाश्ता नहीं करते, उनमें डिप्रेशन का खतरा 40% अधिक पाया गया। मानसिक तनाव (Stress) का जोखिम 23% ज्यादा देखा गया। किशोरों में एंग्जाइटी का खतरा 51% तक बढ़ गया, विशेषज्ञों के अनुसार, ब्रेकफास्ट न करने से शरीर को जरूरी ऊर्जा नहीं मिलती, जिससे हार्मोनल असंतुलन और मानसिक थकान बढ़ती है।
ब्रेकफास्ट और दिमाग के बीच क्या है कनेक्शन?
रिसर्च बताती है कि सुबह का नाश्ता दिमाग को ग्लूकोज उपलब्ध कराता है, जो ब्रेन फंक्शन को बेहतर बनाता है, मूड को संतुलित रखता है, फोकस और एकाग्रता बढ़ाता है, जब लंबे समय तक नाश्ता छोड़ा जाता है, तो सुबह के समय दिमाग को पर्याप्त ग्लूकोज नहीं मिल पाता। इससे धीरे-धीरे एंग्जाइटी, चिड़चिड़ापन और मानसिक तनाव की शुरुआत हो सकती है।
नाश्ता क्यों है बेहद जरूरी?
नाश्ता छोड़ने से शरीर में कई जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिसका असर सीधे दिमाग और मानसिक सेहत पर पड़ता है। स्वस्थ रहने के लिए ये आदतें अपनाएं सुबह उठने के 2 घंटे के भीतर नाश्ता जरूर करें, बहुत भारी भोजन से बचें, हल्का और पौष्टिक खाना लें, खाली पेट चाय या कॉफी पीने से बचें, नाश्ते में फल, सलाद, दलिया अंडा, दही या अन्य प्रोटीन युक्त चीजें शामिल करें, प्रोटीन से भरपूर नाश्ता दिमाग और शरीर दोनों के लिए फायदेमंद होता है। नाश्ता छोड़ना भले ही समय बचाने का आसान तरीका लगे, लेकिन यह आदत आपकी मानसिक सेहत को लंबे समय में गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। रिसर्च साफ तौर पर बताती है कि नियमित ब्रेकफास्ट न करने से डिप्रेशन, तनाव और एंग्जाइटी का खतरा बढ़ता है।
