अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. उसके बाद जिस तरह से अयोध्या में भक्तों का हुजूम देखा जा रहा है, उससे पूरी दुनिया हैरत में है. देश के सबसे बडे बैंक एसबीआई का अनुमान है कि भक्तों की ओर से अयोध्या में हर सेकंड 1.26 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे. जी हां, एसबीआई का कहना है कि प्रदेश में टूरिज्म में इजाफा होगा और घरेलू और विदेशी पर्यटकों की ओर से साल के अंत तक कुल खर्च 4 लाख करोड़ रुपए हो सकता है. एसबीआई इकोरैप का अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2025 के दौरान पर्यटकों की संख्या में भारी उछाल के कारण राज्य सरकार 20,000-25,000 करोड़ रुपए की ज्यादा कमाई कर सकती है.
लगातार बढ रहा स्पिरिचुअल टूरिज्मएसबीआई रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र की प्रसाद स्कीम राज्य सरकार के साथ मिलकर भारत में आध्यात्मिक ट्रैवल इंडस्ट्री को विकसित करने में भूमिका निभाने को तैयार है. स्पिरिचुअल टूरिज्म में वृद्धि ने पहले ही यूपी में टूरिज्म के स्वरूप को पूरी तरह से बदल दिया है. जिसकी वजह से फिजिकल और डिजिटल इंफ्रा में सुधार हुआ है. कनेक्टिविटी बढी है. ट्रैवल में इजाफा हुआ है और लोगों को ऐतिहासिक स्थलों के साथ अधिक सार्थक रूप से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया है.
गंगा नदी, वाराणसी, ताज महल और अब अयोध्या में नए राम मंदिर जैसे कई पवित्र स्थानों और तीर्थस्थलों वाले यूपी में घरेलू पर्यटन तेजी से बढ़ रहा है. साल 2022 में, 32 करोड़ घरेलू पर्यटक यूपी आए, जिनमें से 2.21 करोड़ पर्यटक केवल अयोध्या में थे. जिसमें साल 2021 के मुकाबले 200 फीसदी का इजाफा है.4 लाख करोड़ से ज्यादा का खर्चभारतीय स्टेट बैंक के डॉ. सौम्या कांति घोष के अनुसार एनएसएस की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में घरेलू पर्यटकों ने लगभग 2.2 लाख करोड़ रुपए खर्च किया है. जबकि विदेशी पर्यटकों की ओर से 10,000 करोड़ रुपए का खर्च किया है. इसका मतलब है कि यूपी में कुल खर्च 2.3 लाख करोड़ रुपए है.
अयोध्या में राम मंदिर के पूरा होने और पर्यटन को बढ़ावा मिलने से इस साल के अंत तक यूपी में यह आंकडा 4 लाख करोड़ रुपए के पार जा सकता है. महामारी से पहले यानी साल 2029 में इंटरनेशनल टूरिज्म में भारत की हिस्सेदारी 14वीं रैंकिंग के साथ मात्र 2.06 फीसदी थी. यहां तक कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भी, यह छठे स्थान के साथ केवल 7 फीसदी हिस्सेदारी पर काबिज है.
भारत की जीडीपी में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारीजैसे-जैसे भारत वित्त वर्ष 2028 तक 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की ओर बढ़ रहा है… महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश 500 बिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन भारत की जीडीपी में 10 फीसदी योगदान देंगे. भारत को वित्त वर्ष 2028 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी हासिल करने की उम्मीद है, जिसके लिए इसे 2027 तक8.4 फीसदी प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ने की जरूरत है.