नई दिल्ली:– नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही उपनिवेशकालीन शाही ठिकानों की छवि को बदलने की कोशिश जारी है। इसी क्रम में कुछ दिन पहले राजभवनों का नाम बदलकर को लोकभवन कर दिया गया था। सिर्फ नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सार्वजनिक पदों की भावना को पुनर्परिभाषित करने की व्यापक पहल का हिस्सा है।
इसकी शुरुआत 2016 में हुई थी, जब प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आवास का नाम 7, रेस कोर्स रोड से बदलकर 7, लोक कल्याण मार्ग कर दिया था। इसके बाद एक कड़ी सी शुरू हो गई। 2022 में राज पथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया।
भारत के प्रशासनिक केंद्र में अब सेंट्रल सेक्रेटेरिएट नहीं, बल्कि कर्तव्य भवन है। सरकार के अनुसार यह बदलाव छवि निर्माण नहीं बल्कि शासन की सोच में परिवर्तन का प्रतीक है- सत्ता, नियंत्रण और दूरी के पुराने संकेतों को हटाकर सेवा, कर्तव्य और जवाबदेही को केंद्र में लाना।
