कवर्धा :- अभी सोचा ना होगा न्याय पाने के लिए किसी को कितनी मेहनत करनी पड़ सकती है. इस दुनिया में न्याय मिलना उतना ही मुश्किल है,जितना सूखी धरती में कुआं खोदकर पानी निकालना. ये मामला कवर्धा का है.जहां नवजात शिशु और जवान बेटियों के साथ एक परिवार 24 घंटे तक प्रशासन की चौखट पर बैठा रहा.
दबंगों ने दी जान से मारने की धमकी : कवर्धा जिला कार्यालय के मुख्य गेट पर एक परिवार अपनी जमीन को दबंगों से बचाने की फरियाद लिए पहुंचा था. ये परिवार अपनी जमीन बचाने के लिए प्रशासनिक अफसरों के दरवाजों के चक्कर काट रहा था,लेकिन परिवार को मदद नहीं मिली. परिवार का आरोप है कि दबंगों ने उनकी खेत से सड़क निकालने की बात कही.लेकिन जब परिवार ने मना किया तो फसल पर बुलडोजर चलवाकर उनका नुकसान किया.यही नहीं जब परिवार ने दबंगों को ऐसा करने से रोका तो अंजाम लोहारिडीह कांड की तरह करने की धमकी दी.
24 घंटे कलेक्टोरेट के गेट पर बिताए : दबंगों की धमकी से डरकर परिवार ने गांव छोड़ दिया और शुक्रवार दोपहर एक बजे कलेक्टोरेट पहुंचे. इस दौरान परिवार ने कलेक्टोरेट के गेट पर ही डेरा जमाया और इंसाफ की मांग करने लगे. लेकिन शुक्रवार को आए परिवार की फरियाद शनिवार को सुनी गई.24 घंटे बाद मौके पर तहसीलदार पहुंचे और परिवार को अपनी गाड़ी में बिठाकर उनके गांव के लिए रवाना हुए.जहां जमीन के सीमांकन की प्रक्रिया शुरु की गई.
क्या है पूरा मामला ?: कलेक्टर से फरियाद करने पहुंचा परिवार बोड़ला ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सिंघनपुरी का है. जहां रहने वाले लक्ष्मण साहू दबंगों की धमकी से डरकर इंसाफ मांगने कलेक्टोरेट आया था. लक्ष्मण साहू का आरोप है कि गांव के कुछ दबंग अपने खेत में आने-जाने के लिए सड़क बना रहे हैं. इसके लिए उन्होंने अपना खेत छोड़कर लक्ष्मण साहू के खेत से सड़क बनाने का फैसला किया. लेकिन जब लक्ष्मण ने जमीन देने से इंकार किया तो दबंगों ने खेत पर लगी फसल पर बुलडोजर चलवा दिया.
परिवार को दी जान से मारने की धमकी : इसके बाद विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी. जिसके बाद लक्ष्मण अपने नवजात शिशु,बेटियों और बूढ़े मां बाप को लेकर कलेक्टर से मिलने कवर्धा आ गया.जहां उसे कलेक्टोरेट के गेट पर 24 घंटे बीताने पड़े. जब मीडिया और विपक्ष का दबाव बढ़ा तब 24 घंटे बाद प्रशासन पीड़ित का सुध लेने पहुंचा.इसके बाद जमीन के सीमांकन करने का आश्वासन देकर सुरक्षा मुहैया करवाने का वादा किया. फिलहाल अब तक इस मामले में प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.