मध्यप्रदेश:- शाजापुर जिले में आज भी कई प्राचीन वस्तुएं और शिलालेख मौजूद हैं, जो शाजापुर जिले को अपनी एक अलग पहचान दिलाती है. वहीं अगर जिले में प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों की बात करें तो जिले में कई वर्षों पुराने मंदिर आज भी देखने को मिल जाएंगे. हम जिस मंदिर के बारे में आपसे बात करेंगे वो मंदिर शाजापुर जिले में ही नहीं, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में अपनी अलग पहचान बना चूका है.
अति प्राचीन है बोलाई हनुमान मंदिर
यह मंदिर शाजापुर जिला मुख्यालय से महज 30 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. आज यह मंदिर मध्यप्रदेश में सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. इस मंदिर के निर्माण के बारे में मान्यता है कि यह मंदिर करीब 300 साल पुराना है. मंदिर का निर्माण ठा. देवीसिंह ने करवाया था. यहां वर्ष 1959 में संत कमलनयन त्यागी ने अपने गृहस्थ जीवन को त्याग कर उक्त स्थान को अपनी तपोभूमि बनाया और यहां पर उन्होंने 24 वर्षों तक कड़ी तपस्या कर सिद्धियां प्राप्त की थी.
सप्ताह के दो दिन लगता है आस्था का कुम्भ
सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में सप्ताह के दो दिन यानि शनिवार और मंगलवार को हनुमान भक्तों का जमावड़ा देखने को मिलता है. इस मंदिर में दर्शन करने के लिए केवल शाजापुर जिले से ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों से भी लोग पहुंचते है. सुबह से यहां हनुमान भक्तों का रस देखने को मिल जाता है, जो कि शाम तक जारी रहता है. मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं का भी वास है. इस मंदिर से कई लोगों की आस्था जुड़ी हुई है, यही कारण है कि इस मंदिर में हनुमान जी का आर्शीवाद लेने के लिए दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं.
एक ही मूर्ति में होते हैं दो देवताओं के दर्शन
आपने कई मंदिरों के दर्शन किए होंगे और हर एक मंदिर की अलग-अलग रहस्य भी सुने होंगे. इस मंदिर में भी कई रहस्य छुपे हुए हैं. लोकल 18 से बातचीत के दौरान मंदिर में कई वर्षों से सेवा दे रहे पंडित नारायण प्रसाद उपाध्याय बताया कि मंदिर में जो हनुमान जी की मूर्ति विराजमान हैं. वह काफ़ी चमत्कारी बताई गयी है. इसके अलावा इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा के बाईं तरफ भगवान गणेश विराजमान. धार्मिक मान्यता है कि हनुमान और गणेश जी का एक साथ होना बहुत शुभ है. तभी से इसे सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर के नाम से पहचाना जाता है. आम दिनों में तो मंदिर में चहल-पहल देखने को मिलती है.
पंडित ने खोला ट्रेन रुकने का राज
यह मंदिर बोलाई रेलवे स्टेशन के सामने है. मंदिर के बारे में बताया जाता है कि इस मंदिर के सामने से जो भी ट्रेन गुजरती है उसकी गति अपने-आप ही धीमी हो जाती है. इसी को लेकर अनेक मीडिया प्लेट फ्रार्म पर खबरें भी चल चुकी हैं. लेकिन लोकल 18 की टीम ने इसका पता लगाया. हमारी टीम को कई वर्षों से मंदिर में सेवा दे रहे पंडित नारायण प्रसाद उपाध्याय ने बताया कि इस मंदिर में जो हनुमान जी की प्रतिमा विराजमान है, वह काफी चमत्कारी सिद्ध प्रतिमा बताई गई है. इस मंदिर के बारे में कहा गया है कि यह मंदिर रेलवे स्टेशन के सामने होने के चलते मंदिर से जो ट्रेन गुजरती है उस ट्रेन की स्पीड कम हो जाती है, लेकिन वास्तविकता में ऐसा कुछ भी नहीं है.
