नई दिल्ली:- वर्ष 1977 में देश में हुए आम चुनाव के दौरान कई दिलचस्प घटनाएं सामने आई थीं। गोड्डा से तब कांग्रेस के प्रत्याशी जगदीश नारायण मंडल के लिए चुनावी सभा करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी गोड्डा के सिकटिया मैदान आई थींसमय जेपी के संपूर्ण क्रांति आंदोलन का जनमानस पर गहरा प्रभाव था। इसके बावजूद इंदिरा गांधी को देखने और सुनने तीन लाख से अधिक की भीड़ जुटी थी। मंच से इंदिरा का भाषण शुरू हुआ तो माइक खराब हो गया।
जब बिफर पड़ीं इंदिरा और सभा कर दी खत्म
लोग हाथ हिलाकर आवाज नहीं आने का संकेत कर रहे थे। इसे देख कर इंदिरा गांधी को लग रहा था कि जनता उन्हें सुनना नहीं चाह रही है, जबकि उनकी आवाज ही लोगों तक नहीं पहुंच रही थी। आयरन लेडी बिफर गई और सभा खत्म हो गई।
डेढ़ लाख से अधिक वोट से हार गए थे जगदीश मंडल
जगदीश बाबू जैसे ईमानदार और जनप्रिय नेता को भी मुंहकी खानी पड़ी थी। 1977 के चुनाव में उन्हें डेढ़ लाख से अधिक मतों से हार का मुंह देखना पड़ा था। इसके बाद से वह लोस चुनाव नहीं लड़े। बाद में कांग्रेस की राष्ट्रीय पंचायत सभा के वह निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे।
कांग्रेस नेता सच्चिदानंद साह कहते हैं कि जगदीश बाबू सरीखे नेता आज नहीं मिलते। चुनाव लड़ने के लिए पार्टी की ओर से जो पैसे दिए जाते थे, चुनाव खर्च के बाद जो पैसा बचते थे, उसे हिसाब कर पार्टी को लौटा देते थे। उनकी सादगी की मिसाल आज भी दी जाती है।
- गोड्डा में आपातकाल के दौरान हुए 1977 के चुनाव में दिलचस्प रहा था राजनीतिक घटनाक्रम
- सिकटिया मैदान में कांग्रेस प्रत्याशी जगदीश नारायण मंडल के लिए इंदिरा गांधी ने की थी चुनावी सभा
- माइक खराब होने से बिफर गई थीं आयरन लेडी, सभा खत्म होने के बाद लौट रही भीड़ को सुषमा ने लपका इंदिरा गांधी की सभा में अगर माइक खराब नहीं हुआ होता तो उस वक्त यहां माहौल नहीं बदला होता। सुषमा स्वराज ने इंदिरा गांधी की सभा में आई भीड़ को संबोधित कर जनता पार्टी के पक्ष में माहौल बना दी।