फिर चर्चा में प्लास्टिक के नोट… क्या है सरकार का प्लान, अभी किन देशों में चलते हैं, फायदे-नुकसान, जानें सबकुछप्लास्टिक नोटों पर चर्चा दोबारा शुरू हुई है। इस बारे में मंगलवार को वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि प्लास्टिक नोट लाने पर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। सरकार ने भले इस पर इस तरह की राय रखी है। लेकिन, दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां प्लास्टिक नोट चलते हैं। इसके अपने फायदे और नुकसान हैं।
सरकार ने प्लास्टिक नोटों पर साफ किया है अपना रुखदुनिया के कई देशों में चलते हैं प्लास्टिक के नोटप्लास्टिक के नोटों के कई तरह के फायदे तो नुकसान भी
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2018 में प्लास्टिक के नोटों पर एक अध्ययन शुरू किया था। इसके बाद से इनके शुरू होने को लेकर बार-बार चर्चा होती रही है। दोबारा इसकी सुगबुगाहट बढ़ी है। हालांकि, सरकार ने कह दिया है कि उसने प्लास्टिक नोट लाने का कोई निर्णय नहीं लिया है। नकली नोटों पर अंकुश लगाने की कवायद के बीच ऐसी अटकलें थीं कि सरकार प्लास्टिक के नोट शुरू कर सकती है। वैसे, कई ऐसे देश हैं जहां प्लास्टिक के नोट चलते हैं। इन प्लास्टिक के नोटों के कुछ फायदे तो कुछ नुकसान भी हैं।
आइए, यहां जानते हैं कि सरकार का इसे लेकर क्या रुख है? किन देशों में प्लास्टिक के नोट चलते हैं? इनके नफे-नुकसान क्या हैं?क्या है सरकार का रुख?वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को राज्यसभा में जानकारी दी कि सरकार ने प्लास्टिक नोट लाने का कोई फैसला नहीं किया है। उन्होंने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि बैंक नोटों की ड्यूरेबिलिटी और नकली करेंसी से निपटने के लिए हमेशा ही कोशिशें जारी रहती हैं।
मंत्री ने आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा,’2022-23 के लिए सिक्योरिटी प्रिंटिंग पर कुल खर्च 4,682.80 करोड़ रुपये था। प्लास्टिक नोटों की छपाई पर कोई लागत नहीं आई है।’ एक अन्य सवाल के जवाब में चौधरी ने कहा कि क्रिप्टो एसेट्स सहित किसी भी प्रकार की संपत्ति का इस्तेमाल करके अवैध वस्तुओं का व्यापार करना अपराध है। मौजूदा दंडात्मक प्रावधानों के अनुसार इससे निपटा जाता है।
