छत्तीसगढ़:– बिलासपुर जिले में घटी घटनाओं ने कानून-व्यवस्था और प्रशासन की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कथावाचक आशुतोष चैतन्य द्वारा दिए गए एक विवादित कथन पर विरोध तो हुआ, लेकिन माफी के बाद भी उन्हें कथा स्थल से ही गिरफ्तार कर लिया गया—जिसे कई लोग धार्मिक परंपराओं के अनादर के रूप में देख रहे हैं।
अदालत परिसर में जब उनके समर्थक शांतिपूर्वक उपस्थित थे, तभी दूसरी ओर से आए समूह द्वारा कथित रूप से अभद्र भाषा का उपयोग कर माहौल को तनावपूर्ण बनाने का आरोप सामने आया। जिसकावीडियो भी अब सामने आया है। केवल इतना ही नहीं, स्थिति संभालने के बजाय पुलिस द्वारा शांत समर्थकों को धक्का-मुक्की कर हटाने का आरोप भी लगा, जिसमें एक भूतपूर्व सैनिक तक को गिरा दिए जाने की बात कही जा रही है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या कानून सबके लिए समान रूप से लागू हो रहा है, या फिर कार्रवाई चुनिंदा लोगों पर ही कड़ाई से होती है? यही द्वंद अब न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता पर जनता के बीच बड़ी बहस का विषय बन गया है।
