नई दिल्ली:- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रहों का इंसान पर बड़ा असर पड़ता है। इन ग्रहों से व्यक्ति का जीवन नियंत्रित होता है, फिर अच्छी आदत हो या बुरी आदत, यह किसी न किसी ग्रह के एक्टिव होने की पहचान हो सकती है। आइये जानते हैं इंसान में राहु केतु की सक्रियता के लक्षण क्या है और कौन सी वस्तु इन वस्तुओं से जुड़ी समस्याओं को कंट्रोल करती है.
कैसे हुई लहसुन प्याज की उत्पत्ति
धार्मिक ग्रंथों की मानें तो प्याज-लहसुन के पौधे की उत्तपत्ति की कहानी सागर मंथन के बाद राहु का सिर कटने की घटना से जुड़ी है। मान्यता है कि राहु के शरीर से उत्पत्ति के कारण लहसुन प्याज कई रोगों के लिए प्रभावशाली है। लेकिन गंध की वजह से इसे अपवित्र भोजन माना जाता है और भगवान को भोग नहीं लगाया जाता है।
राहु केतु की समस्या को कंट्रोल करता है लहसुन
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लहसुन राहु की समस्या जैसे बीपी, कोलेस्ट्रॉल और मानसिक समस्याओं को कम करने में मदद करता है। दूसरी ओर प्याज केतु की समस्या जैसे त्वचा संक्रमण, बुखार, फंगल संक्रमण में मदद करता है।
राहु केतु की सक्रियता का लक्षण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लार राहु का प्रतीक है, और रक्त केतु का प्रतीक है। जो व्यक्ति अधिक लार टपकाता है, अधिक थूकता है, उसका राहु बहुत सक्रिय होता है। यहां तक कि तम्बाकू चबाने वालों की भी लार बहुत अधिक निकलती है।
केतु अक्सर चोट, फोड़े, बवासीर, कट आदि से रक्त की कमी का कारण बनता है। सक्रिय केतु वाले लोग आमतौर पर ऐसी किसी भी समस्या का सामना करते हैं। बहता हुआ रक्त आमतौर पर मंगल होता है और टपकता हुआ रक्त केतु होता है।