नई दिल्ली:– हिंदू परंपरा में सोने को अत्यंत पवित्र और मंगलकारी धातु माना गया है। चांदी के बारे में लोग अधिक नहीं जानते हैं। चांदी के ज्योतिषीय और स्वास्थ्य संबंधी गुण कई मामलों में सोने से भी अधिक प्रभाव डालते हैं। माना जाता है कि जिन घरों में चांदी की वस्तुएं मौजूद रहती हैं, वहां सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और सुख-सौभाग्य का वास होता है। चांदी का उपयोग मनुष्य के जीवन में स्थिरता, शांति और समृद्धि लाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार चांदी का उद्गम भगवान शिव के नेत्रों से माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार इसका सीधा संबंध चंद्रमा से स्थापित है, जो मन और भावनाओं का कारक माना जाता है। इसी कारण चांदी धारण करने से मन की अशांति कम होती है, मानसिक स्थिरता बढ़ती है और जल तत्व संतुलित रहता है। इसका प्रभाव कफ दोष पर भी देखा जाता है, जिससे शरीर में ठंडक और ताजगी का अनुभव होता है। आइए जानते हैं कि चांदी पहनने से व्यक्ति को कौन-कौन से लाभ मिलते हैं।
चंद्रमा को करता है मजबूत
ग्रहों की दृष्टि से देखा जाए तो चांदी पहनने से चंद्रमा से जुड़े दोष कम होते हैं। इससे विचारों में स्पष्टता आती है, मनोबल मजबूत होता है और तनाव कम होता है। इतना ही नहीं चांदी शुक्र ग्रह को भी मजबूत करने में सहायक मानी जाती है, जिसके प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में सौंदर्य, आकर्षण और रचनात्मकता बढ़ती है। सोने की तुलना में चांदी किफायती होने के साथ-साथ अधिक उपयोगी भी है, इसलिए इसे हर वर्ग के लोग सहजता से अपना पाते हैं।
इन बीमारियों से मिलती है राहत
स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी चांदी को अत्यंत लाभकारी माना गया है। चांदी प्राकृतिक तौर पर एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है, जो शरीर में जमा विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है। इसके कारण त्वचा में निखार आता है और चेहरे पर स्वाभाविक चमक बनी रहती है।
कईअध्ययनों में यह भी पाया गया है कि चांदी की अंगूठी पहनने से अर्थराइटिस से होने वाली सूजन, दर्द और अकड़न में राहत मिलती है। चांदी रक्त संचार को बेहतर बनाने में भी सहायता करती है। इसके नियमित उपयोग से थकान कम होती है और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। यही कारण है कि आज भी चांदी को शुद्धता, स्वास्थ्य और शुभ फल देने वाली धातु माना जाता है।
चांदी न केवल ज्योतिषीय रूप से प्रभावशाली है बल्कि स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा के दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभदायक है। इसलिए इसे एक स्वास्थ्य-वर्धक धातु के रूप में भी अपनाया जाता है।
