नई दिल्ली:- गर्मियों में चिलचिलाती धूप की वजह से तापमान काफी बढ़ जाता है. इसलिए लोग कूलर और एसी का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि ये गर्मी से राहत देते हैं. इस साल भी गर्मी काफी ज्यादा है, जिसकी वजह से कई लोग अपने घरों में कूलर और एसी लगवा रहे हैं. बता दें, कूलर का इस्तेमाल ज्यादातर मध्यमवर्गीय परिवार के लोग करते हैं. लेकिन कुछ मामलों में यह खतरनाक भी हो सकता है. खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए…
आपको बता दें, पुराने या लोहे के कूलर कुछ मामलों में खतरनाक हो सकते हैं. ऐसे कूलर से बिजली का झटका लगने की संभावना रहती है. लोहे के कूलर में बिजली का झटका लगने की मुख्य वजह खराब अर्थिंग, ढीले तार और पानी के संपर्क में आना है. इसके साथ ही, खास तौर पर अगर इन्हें ठीक से साफ न किया जाए या इनमें जंग लगी हो तो ये सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं और गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं.
चूंकि इस मौसम में ज्यादातर बच्चों की गर्मी की छुट्टियां होती हैं, इसलिए वे घर पर ही रहते हैं और खेलते रहते हैं. अगर आपके घर में भी ऐसा कूलर है, तो यह बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है. इसलिए बेहतर है कि कूलर के पुराना हो जाने पर उसे रिपेयर के लिए ले जाएं.
लोग लोहे के कूलर क्यों खरीदते हैं?
कई लोग अपने घरों के बाहर लोहे के कूलर लगाते हैं क्योंकि इन्हें खिड़कियों पर लगाना आसान होता है. दरअसल, लोग इन कूलर को इसलिए भी खरीदना चाहते हैं क्योंकि ये दूसरे कूलर के मुकाबले काफी सस्ते होते हैं. हालांकि, ऐसे कूलर एक बार इस्तेमाल के बाद ही खराब हो जाते हैं. कूलर की पेंट कोटिंग खराब हो जाती है, लोहे में जंग लग जाती है और बिजली के तार खराब हो जाते हैं, जिससे कूलर में करंट प्रवाहित होने लगता है. कई लोग अनजाने में बिजली का झटका लगने से जल जाते हैं. छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को इन खतरों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर कुछ सावधानियां बरती जाएं तो इनसे बच्चों या बड़ों को खतरों से बचाया जा सकता है.
यदि आप इन सावधानियों का पालन करेंगे तो आप अपने परिवार को इन खतरों से बचा सकते हैं…
जो लोग लोहे के कूलर का उपयोग करते हैं, उन्हें एक वर्ष के उपयोग के बाद उसे खोलकर पेंट कर देना चाहिए.
जांच करें कि बिजली के तार अच्छी स्थिति में हैं या नहीं.
कनेक्ट करते समय, आपको टेस्टर से जांच कर लेनी चाहिए कि कूलर आयरन को बिजली मिल रही है या नहीं.
पांच वर्ष से अधिक पुरानी किसी भी वस्तु का उपयोग न करना ही बेहतर है.
जहां बच्चे मौजूद हों वहां अधिक सावधानी बरती जानी चाहिए.
लोहे की वस्तुओं से बिजली का प्रवाह आसानी से हो सकता है. लोहा एक मेटल है जो विद्युत का संचालन करते हैं. इससे अक्सर बिजली का झटका लगता है.
बता दे, कूलरों से बिजली का झटका लगने की घटनाएं अधिकतर गर्मियों में होती हैं. ऐसे में आप सावधान रहकर अपने परिवार को सेफ रख सकते हैं.
कूलर से मौतें
पिछले साल गर्मी की छुट्टियों में संयुक्त निजामाबाद जिले के गंगास्थान के एक दंपत्ति की छह वर्षीय बेटी अपनी नानी के घर आर्मुर गई थी. खेलते समय कूलर से टकराने से बच्ची की करंट लगने से मौत हो गई थी
पिछले साल जून में अलुर गांव में अपनी नानी के घर आई बच्ची की मौत कूलर के रूप में हुई थी. यह हादसा तब हुआ जब खेलते समय बच्ची ने कूलर को छू लिया था.